पार्षद कलीम के जाति प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट पेश करें
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ निराकरण कर दिया कि जबलपुर एसपी जाति प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट आयुक्त, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत करें।

मंगन सिद्दीकी की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
जबलपुर। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ निराकरण कर दिया कि जबलपुर एसपी जाति प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट आयुक्त, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत करें। इसके लिए 60 दिन की मोहलत दी गई है। मामला अधारताल अंतर्गत संजय गांधी वार्ड क्रमांक-41 के मौजूदा पार्षद मोहम्मद कलीम के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती से संबंधित था।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी मंगन सिद्दीकी की ओर से अधिवक्ता परिमल चतुर्वेदी, सुयश श्रीवास्तव, विशेष पाण्डेय व शारिक ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जबलपुर एसपी को आयुक्त, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, भोपाल द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुक्त ने एसपी को कुमारी माधुरी पाटिल के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के आलोक में पार्षद मोहम्मद कलीम के जाति प्रमाण पत्र की जांच करने तथा उसके पश्चात रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। एसपी ने उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया है तथा कोई जांच या अन्वेषण नहीं किया गया है। हाई कोर्ट ने मामले के उपरोक्त तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए एसपी को निर्देश देते हुए याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि हाई कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने से 60 दिनों की अवधि के भीतर एसपी अपनी जांच रिपोर्ट आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करें।