सैफ अली खान परिवार की करोड़ों की संपत्ति पर गहराया संकट, हाईकोर्ट से लगी रोक हटी, भोपाल प्रशासन संपत्तियां अधीन करने स्वतंत्र 

फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के परिवार की करोड़ों की संपत्ति पर संकट गहरा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व में हाईकोर्ट द्वारा अपीलीय अधिकरण के समक्ष अपील दायर करने स्वतंत्र किए जाने के विकल्प का निर्धारित समयावधि 30 दिन के भीतर लाभ नहीं उठाने की गलती कर दी गई है।

Jan 21, 2025 - 16:59
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सैफ अली खान परिवार की करोड़ों की संपत्ति पर गहराया संकट, हाईकोर्ट से लगी रोक हटी, भोपाल प्रशासन संपत्तियां अधीन करने स्वतंत्र 
Crisis deepens on Saif Ali Khan family's property worth crores, High Court ban lifted, Bhopal administration free to take over properties

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के परिवार की करोड़ों की संपत्ति पर संकट गहरा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व में हाईकोर्ट द्वारा अपीलीय अधिकरण के समक्ष अपील दायर करने स्वतंत्र किए जाने के विकल्प का निर्धारित समयावधि 30 दिन के भीतर लाभ नहीं उठाने की गलती कर दी गई है। इसी के साथ इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा 2015 से लगी रोक हट गई है। परिणाम स्वरूप भोपाल जिला प्रशासन संपत्तियां अधीन करने स्वतंत्र हो गया है। वह कभी भी यह कार्रवाई प्रारंभ कर सकता है। हालांकि सैफ परिवार के पास हाईकोर्ट की युगलपीठ के समक्ष अपील दायर करने का विकल्प अब भी मौजूद है। 

दरअसल, हाईकोर्ट में इस मामले की विगत सुनवाई 13 दिसंबर को हुई थी। कोर्ट ने सैफ अली खान की याचिका इस स्वतंत्रता के साथ निरस्त कर दी थी कि वे 30 दिन के भीतर अपीलीय अधिकरण में अपील के जरिए राहत की गुहार लगा सकते हैं। चूंकि ऐसा नहीं किया गया अत: याचिका निरस्त होने के साथ ही हाई कोर्ट से लगी रोक निष्प्रभावी होने के कारण इस परिवार की संपत्तियां संकट में आ गई हैं। 

ये था पूरा मामला-

राजधानी निवासी मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी नवाब पटौदी के पुत्र फिल्म अभिनेता सैफ अली खान की भोपाल में मौजूद अचल संपत्ति पर विवाद शुरू हो गया था। यह विवाद उस अध्यादेश की वजह से हुआ। इस अध्यादेश में साफ लिखा है की पटौदी परिवार के संपत्ति पर उत्तराधिकारी का कोई अधिनियम लागू नहीं होगा। इस अध्यादेश से उन लोगो की सांसें भी फूल गईं थीं, जिन्होंने नवाब परिवार से संपत्ति खरीदी है।

भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान के 1960 में हुए निधन के बाद उनकी बेटी आबिदा सुल्तान का सम्पत्ति पर हक था। लेकिन 1950 के पहले ही आबिदा पाकिस्तान जा चुकी थी। इसके बाद भारत सरकार ने यह गजट नोटिफिकेशन किया था कि हमीदुल्ला की दूसरी बेटी साबिया सुल्तान ही भोपाल की नवाब होगी। भारत सरकार के अध्यादेश से संपत्ति खरीदे लोगो को यह डर सता रहा है की यदि जमीनें चली गईं तो वे अतिक्रमणकारी घोषित हो जाएंगे। सैफ अली ने शत्रु संपत्ति विभाग के 2014 के उस नोटिस को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया है। 

यह था हाईकोर्ट का पूर्व आदेश-

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान और सबीहा सुल्तान को एनिमी प्रापर्टी के संबंध में केन्द्र सरकार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने केन्द्र को कहा था कि यदि 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन पेश होता है तो उसका गुण-दोष के आधार पर निराकरण करेंगे। भोपाल निवासी तीनों याचिकाकर्ताओं ने कस्टोडियन आफ एनिमी प्रापर्टी के एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को चुनौती दी थी। इसके तहत उनकी कुछ संपत्ति को एनिमी प्रापर्टी घोषित कर दिया गया था।

बहस के दौरान दलील दी गई थी कि इस संबंध में प्रशासन को अभ्यावेदन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से डिप्टी सालिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने अवगत कराया था कि 2017 में एनिमी प्रापर्टी एक्ट-1968 में कुछ संशोधन हुआ है। इसके तहत एनिमी प्रापर्टी से जुड़े मामलों में प्रभावित पक्ष केन्द्र सरकार को अभ्यावेदन दे सकता है। याचिकाकर्ताओं के पास उचित फोरम में जाने का विकल्प मौजूद है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने उक्त निर्देश के साथ याचिका का पटाक्षेप कर दिया था।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।