एयरपोर्ट पर करोड़ों खर्च और फ्लाइट्स सिर्फ चार क्यों?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से घटती फ्लाइट कनेक्टिविटी को संज्ञान लिया है।
हाईकोर्ट में जबलपुर से एयर कनेक्टिविटी मामले में सुनवाई, राज्य सरकार और एयरलाइंस कंपनियों से मांगा जवाब
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से घटती फ्लाइट कनेक्टिविटी को संज्ञान लिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एयरलाइंस कंपनियों से जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि जबलपुर भौगोलिक रूप से देश का सेंटर प्वाइंट है। लिहाजा सरकार जबलपुर एयरपोर्ट से अन्य शहरों की फ्लाइट कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में क्या कदम उठा रही है? हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा है कि अगर जबलपुर एयरपोर्ट से ज्यादा फ्लाइट्स चलाने की आवश्यकता नहीं है, तो सरकार ने 500 करोड़ रुपये की लागत से एयरपोर्ट का विस्तार क्यों किया था। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और एयरलाइंस कंपनियों से दो हफ्तों में जवाब मांगा है, और मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को तय की है।
-नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की याचिका
यह याचिका जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच द्वारा दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक उपेक्षा के कारण जबलपुर एयरपोर्ट की फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं बढ़ाई जा रही है। याचिका में कहा गया है कि कोरोनाकाल से पहले जबलपुर एयरपोर्ट से रोज़ 8 नियमित फ्लाइट्स उड़ती थीं, जबकि वर्तमान में केवल 4 फ्लाइट्स ही संचालित की जा रही हैं।
-डिवीजन बेंच ने दी एक माह की मोहलत
जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए एयर कनेक्टिविटी के मामले में भारत सरकार और विमान कंपनियों को एक माह की मोहलत दी है। मामले पर अब 11 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस अवधि में केंद्र सरकार और विमान मंत्रालय को जवाब दाखिल करना होगा। बता दें कि जबलपुर एयरपोर्ट से देश के अन्य शहरों में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने को लेकर यह जनहित याचिका दायर की गई है।