नहीं शिफ्ट हुई डेयरियां, प्रदूषित हो रही नदियां
डेयरियों से नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण के मामले को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच सहित अन्य संगठनों ने घंटाघर में विरोध प्रदर्शन किया।

सामाजिक संगठनों ने डेयरी संचालकों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। डेयरियों से नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण के मामले को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच सहित अन्य संगठनों ने घंटाघर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि खमरिया में निर्मित डेयरी स्टेट में जल्द डेयरियों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। संगठन ने यह भी मांग की कि आदेश का पालन नहीं करने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए। प्रदर्शन के दौरान संगठनों के सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।
-8 साल पहले बना था डेयरी स्टेट
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के संरक्षक डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि लगभग 8 साल पहले खमरिया क्षेत्र में डेयरी स्टेट फॉर्म की नींव रखी गई थी और यह बनकर तैयार भी हो चुका है। बावजूद इसके, डेयरी संचालकों ने वहां अपनी डेयरियों को शिफ्ट नहीं किया। इसका नतीजा यह हुआ कि गौर और परियट नदियां डेयरी से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों से प्रदूषित हो रही हैं। ये दोनों नर्मदा की सहायक नदियां हैं, लिहाजा इनके प्रदूषित होने से नर्मदा नदी के प्रदूषण का खतरा भी बढ़ गया है। डॉ. नाजपांडे ने बताया कि इस संबंध में एनजीटी में भी एक याचिका दायर की गई थी और आदेश जारी किए गए थे, लेकिन इन आदेशों का पालन नहीं किया गया।
-शिफ्टिंग ना होने से हो रहा नुकसान
सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अशोक नामदेव का कहना है कि लगभग 50 एकड़ क्षेत्र में 10 करोड़ की लागत से आठ साल पहले खमरिया गांव में डेयरी स्टेट की स्थापना की गई थी। जब यह बनकर तैयार हो गया, तब भी डेयरियों को वहां शिफ्ट नहीं किया गया। डेयरी स्टेट का उद्देश्य था कि जबलपुर नगर और नर्मदा, गौर, परियट नदियों के किनारे स्थापित डेयरियों को इस डेयरी स्टेट में शिफ्ट किया जाए। ऐसा न होने के कारण परियट, गौर और नर्मदा नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है। इसके बावजूद दोषियों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।