दमोह लोकसभा सीट: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर दुर्गा मौसी लड़ेगी चुनाव
दमोह लोकसभा सीट का चुनाव अब दिलचस्प होने वाला है क्योंकि अभी तक यहां भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला हो रहा था। दोनों दल अपनी जोर-आजमाइश कर रहे थे, लेकिन अब दमोह से किन्नर भी भाग्य आजमा रही हैं।
दमोह लोकसभा सीट का चुनाव अब दिलचस्प होने वाला है क्योंकि अभी तक यहां भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला हो रहा था। दोनों दल अपनी जोर-आजमाइश कर रहे थे, लेकिन अब दमोह से किन्नर भी भाग्य आजमा रही हैं। इससे मुकाबला त्रिकोणीय हो सकती है। दमोह कलेक्टर कार्यालय पहुंची किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर दुर्गा मौसी किन्नर ने कहा कि यहां के लोगों की मंशा है कि वह चुनाव लड़े। इस वजह से वह अपना नामांकन फार्म लेने आई हैं। गुरुवार को वह अपना नामांकन दाखिल करेंगी। वर्तमान में वह कटनी जिले से जनपद सदस्य हैं। उन पर आज तक कोई भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं लगा है। इस वजह से दमोह से चुनाव लड़कर वह लोगों की सेवा करना चाहती हैं।
त्रिकोणीय हो सकता है मुकाबला: दमोह लोकसभा सीट से भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के तरवर सिंह प्रत्याशी हैं। अब कटनी जिले की जनपद सदस्य दुर्गा मौसी भी यहां से भाग्य आजमाने पहुंची हैं। उन्हें उम्मीद है कि दमोह की जनता उन पर भरोसा जताएगी। इन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि भी मिली हैं। पूर्व में सात साल तक सरपंच भी रही हैं और कहा जाता है कि यह देश की पहली किन्नर सरपंच हैं।
कनवारा गांव से चुनी गई थी सरपंच:
कटनी जिले की रहने वाली दुर्गा मझवार उर्फ दुर्गा मौसी मुड़वारा तहसील के कनवारा गांव से सरपंच चुनी गई थी और कई प्रत्याशी उनके सामने चुनाव मैदान में थे। लोगों ने दुर्गा को सरपंच पद के लिए चुना था। इस गांव में विकास कार्य न होने से जनता को सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी। उन्होंने दुर्गा किन्नर को सरपंच पद पर विजयी बनाया था। सरपंची कार्यकाल खत्म होने के बाद दुर्गा ने मुड़वारा के क्षेत्र क्रमांक 11 चाका से जनपद सदस्य का चुनाव जीता था। वर्तमान में वह इस पद पर हैं। अब लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रही हैं।
कमला मौसी रह चुकी हैं कटनी महापौर:
किन्नर समाज से 2009 में कमला बुआ सागर की महापौर रह चुकी हैं। सागर जिले के लोगों ने दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशियों को नकारते हुए कमला बुआ पर भरोसा जताया था। इससे पहले कटनी में कमला मौसी महापौर बन चुकी हैं। दुर्गा मौसी कमला मौसी को अपना राजनीतिक गुरू मानती हैं। सागर में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 2009 में महापौर के पद पर किन्नर कमला बुआ चुनाव जीती थी। दो साल बाद न्यायालय के निर्देश पर उनका निर्वाचन शून्य हो गया था।
दमोह के लोगों की सेवा करने का है संकल्प:
दमोह लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए बुधवार को दुर्गा मौसी नामांकन फार्म खरीदने कलेक्टर कार्यालय पहुंची जहां उन्होंने मीडिया को बताया कि मुझे दमोह के लोगों की सेवा करनी है। उन्हें सड़क, बिजली, पानी की सुविधा दिलानी है। युवाओं को रोजगार दिलाना है। दमोह के लोगों की मंशा है कि वह चुनाव लड़ें इसलिए नामांकन फार्म लिया है। गुरुवार को वह नामांकन करेंगी। दुर्गा ने कहा कि उन पर आज तक कोई दाग नहीं लगा है। न वह भ्रष्टाचार पसंद करती हैं। वह दमोह लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहती हैं।
प्रयाग कुंभ में बनी थीं किन्नर अखाड़े की पीठाधीश्वर:
दुर्गा मौसी के अनुसार 2019 में प्रयागराज में कुंभ के दौरान उन्हें किन्नर अखाड़े का पीठाधीश्वर बनाया था। इसके बाद हरिद्वार में महामंडलेश्वर की घोषणा की गई। किन्नर अखाड़े को जूना अखाड़े ने अपना समर्थन देकर शामिल किया था। इसमें बग्गी पर सवार होकर पेशवाई धूमधाम से निकाली गई थी। अमृत स्रान कराया गया था।