परिणाम घोषित करो या फिर हमें इच्छामृत्यू की स्वीकृति दो
मप्र लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा सहित विभिन्न परीक्षाओं के अभ्यर्थियों ने जबलपुर हाईकोर्ट के सीजे को पत्र लिखकर रुके हुए 13 प्रतिशत पदों के परिणाम शीघ्र जारी करवाने की गुजारिश की है। अन्यथा इच्छा मृत्यु की स्वीकृति दी जाए।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर पीएससी अभ्यर्थियों ने मांगी इच्छामृत्यु
मप्र लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा सहित विभिन्न परीक्षाओं के अभ्यर्थियों ने जबलपुर हाईकोर्ट के सीजे को पत्र लिखकर रुके हुए 13 प्रतिशत पदों के परिणाम शीघ्र जारी करवाने की गुजारिश की है। अन्यथा इच्छा मृत्यु की स्वीकृति दी जाए। अभ्यर्थियों ने लिखा है कि 2019 से 2024 तक की तमाम परीक्षाओं के परिणाम जारी हुए तो हैं, लेकिन ओबीसी आरक्षण मामले के चलते 13 प्रतिशत परिणाम रोके गए हैं। इस कारण हजारों अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ रहा है। अब इंतजार इतना लंबा हो चला है कि हम मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं, इसलिए यह परिणाम शीघ्र जारी करवाएं या समस्त अभ्यर्थियों (प्रावधिक सूची वालों) को इच्छा मृत्यु की अनुमति दें।
दरअसल, ओबीसी आरक्षण को कांग्रेस सरकार ने 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया। तब से अब तक पांच साल से यह मामला कोर्ट में है। हालांकि कुछ समय पहले जबलपुर हाईकोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि उसने 13 प्रतिशत परिणामों पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन पीएससी ने इस मामले में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। माना जा रहा है कि राज्य शासन को इस मामले में निर्णय लेना है। कई तकनीकी पहलू हैं। ओबीसी आरक्षण इस विवाद के चलते राज्य सेवा परीक्षा 2019, 2020 के 13 प्रतिशत फाइनल रिजल्ट रुके हुए हैं। इसके अलावा कई सारे रिजल्ट में 13 प्रतिशत रुके हैं, इसमें वन सेवा, एडीपीओ, स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस सहित कई एक्जाम शामिल हैं।