डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट में लेटलतीफी उचित नहीं:हाईकोर्ट
आपराधिक मामलों में डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने पर लेटलतीफी अनुचित है। यह मामला हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई याचिका के रूप में किये जाने के आदेश जारी किये थे।
प्रदेश सरकार ने पेश की स्टेटस रिपोर्ट, अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद
आपराधिक मामलों में डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने पर लेटलतीफी अनुचित है। यह मामला हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई याचिका के रूप में किये जाने के आदेश जारी किये थे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष सरकार ने लंबित आंकडो के संबंध में जानकारी पेश की। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।
गौरतलब है कि डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट सहित अन्य रिपोर्ट के आने में लेटलतीफी को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे। याचिका में कहा गया था कि देर से रिपोर्ट आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई के देरी होती है। जिसके कारण लंबित प्रकरण की संख्या भी बढ़ती है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फॉरेंसिक रिपोर्ट का स्टेटस रिकॉर्ड पेश किया था। युगलपीठ ने डीएनए,एफएसएस तथा अन्य लंबित जांच के संबंध में रिपोर्ट पेष करने के आदेश रजिस्ट्रार जनरल को जारी किये थे। पिछली सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से पेश रिपोर्ट पर सरकार के आग्रह पर युगलपीठ ने जवाब पेश करने समय प्रदान किया था। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उक्त जानकारी युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत की गयी।