दिल्ली की मुख्यमंत्री ने सदन में पेश की सीएजी रिपोर्ट 

दिल्ली विधानसभा में शराब नीति पर आधारित सीएजी रिपोर्ट मंगलवार को पेश की गई, जिसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन के सामने रखा। इस रिपोर्ट के बाद, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकार ने इसे छिपाने की कोशिश की, और हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद संविधान के नियमों का उल्लंघन किया। रिपोर्ट में यह बताया गया कि दिल्ली की शराब नीति में बदलाव के कारण 2,026.91 करोड़ का नुकसान हुआ है।

Feb 25, 2025 - 13:57
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दिल्ली की मुख्यमंत्री ने सदन में पेश की सीएजी रिपोर्ट 
Delhi Chief Minister presented CAG report in the House

दिल्ली विधानसभा में शराब नीति पर आधारित सीएजी रिपोर्ट मंगलवार को पेश की गई, जिसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन के सामने रखा। इस रिपोर्ट के बाद, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकार ने इसे छिपाने की कोशिश की, और हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद संविधान के नियमों का उल्लंघन किया। रिपोर्ट में यह बताया गया कि दिल्ली की शराब नीति में बदलाव के कारण 2,026.91 करोड़ का नुकसान हुआ है। बीजेपी ने पहले ही सत्र में इस रिपोर्ट को पेश करने का वादा किया था।

रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे 

सीएजी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण खुलासे किए गए हैं। इसमें 2017-18 से 2020-21 तक के दौरान और 2021-22 की नई आबकारी नीति की जांच की गई। ऑडिट में लाइसेंस जारी करने, मूल्य निर्धारण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रवर्तन और इन्वेंट्री ट्रैकिंग में कई कमियां पाई गईं, जिसके कारण सरकारी खजाने को करीब 2,026.91 करोड़ का नुकसान हुआ। नई आबकारी नीति में एकाधिकार और कार्टेलाइजेशन के खतरे, राजस्व में कमी और अवैध शराब बिक्री को रोकने में असफलता जैसे मुद्दे भी सामने आए।

आप की शराब नीति के कारण दिल्ली सरकार को हुआ नुकसान 

सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, AAP सरकार की शराब नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2,002.68 करोड़ रुपये का भारी राजस्व घाटा हुआ। इस घाटे के कई कारण रहे:

गैर-अनुरूप वार्डों में खुदरा दुकानों का न खुलना, जिससे 941.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सरेंडर किए गए लाइसेंसों को दोबारा टेंडर न कर पाने के कारण 890 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

कोविड-19 का हवाला देते हुए आबकारी विभाग की सलाह के बावजूद क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों को शुल्क में छूट देने से 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों से उचित सुरक्षा जमा राशि एकत्र न करने के कारण 27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

रिपोर्ट में लाइसेंस उल्लंघन का भी जिक्र 

रिपोर्ट में लाइसेंस उल्लंघन का भी उल्लेख किया गया है। नई शराब नीति में दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 35 को लागू नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप, विनिर्माण में रुचि रखने वाले थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के साथ संबंध रखने वाले थोक विक्रेताओं को बिना उचित जांच के लाइसेंस जारी कर दिए गए। सरकार ने दिवालियापन, ऑडिटेड वित्तीय विवरण, बिक्री डेटा और अन्य राज्यों में घोषित थोक मूल्य, और आपराधिक पृष्ठभूमि सत्यापन जैसे महत्वपूर्ण मानदंडों की जांच किए बिना ही लाइसेंस जारी कर दिए।

थोक विक्रेताओं का मार्जिन दो गुना बढ़ाया 

इसके अलावा, थोक विक्रेताओं का मार्जिन 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया। यह बढ़ोतरी इस तर्क पर की गई थी कि सरकार को गोदामों में अनुमोदित लैब स्थापित कर गुणवत्ता जांच करनी होगी। हालांकि, कोई लैब स्थापित नहीं की गई, जिससे थोक विक्रेताओं को बढ़ा हुआ मार्जिन तो मिला, लेकिन इसके बावजूद राजस्व में कमी आई।

आप सरकार पर संविधान  उल्लघंन का लगा आरोप 

सीएम ने विधानसभा में दिल्ली की शराब नीति-2024 से जुड़ी सीएजी रिपोर्ट पेश की। इसके बाद, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि 2017-18 के बाद से सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई थी। इस मुद्दे पर उन्होंने और अन्य विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति, विधानसभा अध्यक्ष, सीएम और मुख्य सचिव से रिपोर्ट पेश करने की मांग की थी, ताकि राज्य की वित्तीय स्थिति को जाना जा सके। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, पिछली सरकार ने सीएजी रिपोर्ट पेश नहीं की और संविधान का उल्लंघन किया।