आरोपियों के मकान ढहाओ, तब करेंगे अंतिम संस्कार
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पाटन के टिमरी गांव का सामूहिक हत्याकांड एक या दो दिन में नहीं घटा है। इस जघन्य हत्याकांड की पठकथा काफी समय से लिखी जा रही थी, जिससे पुलिस भी वाकिफ थी।

- पाटन के टिमरी का जघन्य हत्याकांड,
- मंगलवार सुबह फिर परिजन ने शव रखकर किया प्रदर्शन,
- 9 आरोपी हिरासत में
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पाटन के टिमरी गांव का सामूहिक हत्याकांड एक या दो दिन में नहीं घटा है। इस जघन्य हत्याकांड की पठकथा काफी समय से लिखी जा रही थी, जिससे पुलिस भी वाकिफ थी। पुलिस ने घटनाओं को बहुत हल्के में लिया और नतीजन, हत्यारे खून की होली खेलने में कामयाब हुये। पुलिस के पास शिकायतें आती रहीं और वो शिकायतें सुनकर सोती रही। नतीजा ये हुआ कि चार नौजवान असमय ही मौत की नींद सो गये। जिस निर्मम तरीके से पूरे गांव में दौड़ा-दौड़ाकर उन्हें मारा गया, वो पूरे पुलिस और प्रशासनिक तंत्र के लिए बड़ा शर्मनाक है। सोमवार को भी जब दिल दहला देने वाला नजारा लोगों की आंखों के सामने से गुजरा, वहीं मंगलवार को सुबह एक बार फिर परिजन ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ उनके मकान जमींदोज किए जाने की मांग दोहराई।
9 आरोपी पुलिस हिरासत में-
एएसपी सूर्यकांत शर्मा के मुताबिक हत्याकांड के 9 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिनसे घटना के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
पुलिस वालों को बर्खास्त करो तब होगा अंतिम संस्कार
मंगलवार को आक्रोशित क्षेत्रीय जनों ने एक बार फिर से पुलिस वालों पर कार्रवाई करने के लिए आवाज उठाई। सुबह ग्रामीण जन चारों शवों को लेकर गांव पहुंचे और उन्हें सड़क पर रखकर चकाजाम कर दिया। खबर लगते ही पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये। लोगों की मांग है कि पुलिस चौकी प्रभारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए तब अंतिम संस्कार किया जाएगा। पुलिस जांच का आश्वासन देकर गतिरोध को बहाल करने की कोशिश कर रही है,लेकिन बड़ी संख्या में महिलाएं-पुरुष मौके पर नारेबाजी कर रहे हैं। पुलिस पर आरोप है कि पुलिस वालों की सरपरस्ती के कारण ही कालू साहू और उसके परिवार वालों के हौसले इतने बढ़ गये कि वे पूरे गांव में आतंक मचाकर लोगों को मौत के घाट उतारते रहे।
बड़ी मुश्किल से बीती रात-
टिमरी गांव में कल की रात बड़ी मुश्किल से बीती। पूरे गांव में हर तरफ पुलिस तैनात रही, जो अभी कुछ दिनों तक इसी तरह मुस्तैद रहेगी। सुबह से गुलजार हो जाने वाले गांव के चौराहे सन्नाटे में डूबे हुये हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे भी घर से नहीं निकले। आरोपी परिवार और पीड़ित परिवार के लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है ताकि कुछ और अप्रिय घटना न हो। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अपडेट ले रहे हैं।
कुछ ऐसा है घटनाक्रम-
ग्राम टिमरी निवासी कुंजन उर्फ सतीश पाठक का दो एकड़ का खेत है। जिसमें उसका परिवार खेती करता है, इसी खेत में संजू साहू अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर जुआ खिलाया करता था। करीब दो माह पहले कुंजन ने इसका विरोध किया और खेत से दूर जाने को कहा था। इस दौरान कुंजन और संजू के साथ मौजूद साथियों का विवाद हुआ था। बाद में परिवार वालों के बीचबचाव में मामला शांत करवाया गया। सोमवार को संजू साहू ने कुंजन पाठक को फोन लगाकर मेन रोड के पास स्थित चाय की दुकान में बात करने के लिए बुलाया था। कुंजन के आने से पहले ही संजू, मनोज, पप्पू के साथ 12 से 15 लड़के तलवार से लैस होकर बैठे थे। 15 मिनट बाद जैसे ही कुंजन बात करने के लिए चाय की दुकान के पास पहुंचा, तभी साहू परिवार के लोगों ने हमला कर दिया। छोटे भाई चंदन को आशंका थी कि बड़े भाई का विवाद हो सकता है, तो वह भी पीछे-पीछे गया, लेकिन तब तक कुंजन की हत्या हो चुकी थी। जैसे ही चंदन अपने भाई के पास पहुंचा, चारों आरोपियों ने उसे घेरा और फिर तलवार से गला, हाथ और पीठ पर हमला कर दिया। खून से लथपथ दोनों भाई बीच सड़क पर तड़पते रहे और चंद सेकेंड में ही दम तोड़ दिया।
भागने का मौका भी नहीं मिला
टिमरी गांव में ही रहने वाले चचेरे भाई अनिकेत और समीर जिम से करीब 9.30 बजे घर लौट रहे थे। जैसे ही उन्होंने देखा कि उनके रिश्तेदार दो भाई खून से सने सड़क पर पड़े हैं, तो उन्हें देखने के लिए पहुंचे। तभी आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया। 12 से 15 आरोपियों ने इस तरह से दोनों अनिकेत और समीर को घेरा कि भागने का मौका भी नहीं मिला। दोनों की सरेराह हत्या कर दी गई। घटना में दो अन्य विपिन और महुआ दुबे भी घायल हुए हैं, जिनका निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
जाओ समेट लो अपने लड़कों की लाशें
सगे भाई कुंजन-चंदन के साथ अनिकेत और समीर की हत्या करने के बाद आरोपी काफी देर तक तलवार लेकर गांव में दहशत फैलाते रहे। इसके बाद कुंजन के घर पहुंचकर बूढ़े माता-पिता से कहा कि जाओ तुम्हारे दोनों बेटों की लाश रोड पर पड़ी हुई है, उन्हें जाकर समेट लो, इतना ही नहीं परिवार में जितने भी सदस्य है, कोई नहीं बचेगा। जैसे ही परिवार वालों ने अपने बेटों की लाशें सड़क पर देखीं तो चीत्कार मच गया।
पुलिस आंकलन नहीं कर सकी
इस मामले में पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों का यही कहना है कि पुलिस घटना का आंकलन सही वक्त पर करती तो निश्चित तौर पर ये भीषण कांड नहीं होता। पुलिस ने जब एफआईआर की थी तब भी अगर आरोपियों पर एक्शन हो जाता तो भी हत्याकांड को रोका जा सकता था। शिकायत करने वालों की शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाए जब पुलिस ने उन्हीं से कहा कि वीडियो लेकर आओ तब पुलिस की भूमिका कटघरे में आ ही जाती है।
पुलिस को जुए की खबर थी!
खबर ये भी है कि पुलिस को इस बात की पूरी जानकारी थी कि टिमरी के एक खेत में ऐलानिया जुआ खिलाया जा रहा है और खिलाड़ी दूर-दूर से आते हैं। यहां जुआ खेलने जबलपुर के लोग भी जाते हैं। खबर होते हुये पुलिस ने जुआ खिलाने वालों पर शिकंजा क्यों नहीं कसा, ये भी गंभीर है। हालाकि, पुलिस प्रशासन ने कहा कि जांच होगी,लेकिन ये जांच कब तक होगी और कार्रवाई होगी या नहीं, ये सब संशय के घेरे में ही है।
आसान नहीं होगा घर गिराना
गांव के लोगों ने मांग की है कि आरोपियों के घर गिराए जाने चाहिए,लेकिन ऐसा करना बहुत आसान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और नियमों के मद्देनजर इसमें काफी वक्त लग सकता है और जरूरी नहीं कि बुलडोजर चलाया ही जा सके। हालाकि, अधिकारियों का दावा है कि वे इस दिशा में कार्रवाई अवश्य करेंगे ताकि आरोपियों को सबक मिल सके।
जमीन पर कब्जा करने का एंगल
मृतकों के परिजनों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि आरोपियों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर जुआ खिलाना शुरु कर दिया था,जिसका विरोध किया गया। पुलिस से बार-बार शिकायत की गयी,लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आरोपित है कि आरोपियों की सूचना पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करते हुये गांव आ धमकती थी। जुए के खेल के बंद होने की स्थिति में ही आरोपियों ने हमला कर लाशें बिछा दीं।