विजय पाने चुनावी पदयात्रा करेंगे दिग्विजय 

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह करीब 3 दशक बाद अपने परंपरागत क्षेत्र राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दो बार से राजगढ़ लोकसभा सीट भाजपा के कब्जे में है। अब दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा से अपनी जीत के लिए पदयात्रा करेंगे।

Mar 29, 2024 - 15:11
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विजय पाने चुनावी पदयात्रा करेंगे दिग्विजय 
Digvijay will undertake election march to achieve victory

पदयात्रा 31 मार्च से शुरू होगी, राजगढ़ लोकसभा की सुसनेर विधानसभा से आगाज, 8 विधानसभा क्षेत्र कवर करेंगे

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह करीब 3 दशक बाद अपने परंपरागत क्षेत्र राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दो बार से राजगढ़ लोकसभा सीट भाजपा के कब्जे में है। अब दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा से अपनी जीत के लिए पदयात्रा करेंगे। दिग्विजय 31 मार्च को सुसनेर विधानसभा से पदयात्रा शुरू करेंगे। सुसनेर में राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आने वाली आठों विधानसभाओं के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। कांग्रेस विधायक भैरो सिंह बापू पदयात्रा की तैयारी में जुट गए हैं। इससे पहले 30 सितंबर 2017 को दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा शुरू की थी। उन्होंने अपनी इस पदयात्रा के दौरान मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 110 सीटों का दौरा किया था। नर्मदा परिक्रमा पदयात्राज् 192वें दिन पूरी हो गई। यह यात्रा मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर समाप्त हुई थी।

हर विधानसभा में 25 किमी चलेंगे-

दिग्विजय की यह पदयात्रा एक विधानसभा क्षेत्र में करीब 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगी। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की सभी आठों विधानसभाओं में औसतन 20 से 25 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। विधानसभा के बाकी हिस्से में स्थानीय कांग्रेस के नेता पदयात्रा कर जनता को कांग्रेस की रीति-नीति बताएंगे। इस पद यात्रा के दौरान संविधान खत्म करने को लेकर भाजपा की सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों, भाजपा की सरकार में हुए घोटालों से जनता को अवगत कराया जाएगा।

राजगढ़ में 3 जिलों की 8 विधानसभाए-

गुना जिले की राघोगढ़, चाचौड़ा, राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर और आगर-मालवा जिले की सुसनेर विधानसभाएं राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। 1962 से 1980 तक जनसंघ का कब्जा रहा। 1984 के बाद से 2004 तक कांग्रेस रही। 2004 से 2009 बीच में भाजपा से लक्ष्मण सिंह सांसद रहे। 2009 के लोकसभा के चुनाव में फिर से कांग्रेस ने जीत हासिल की। 2014 से अब तक भाजपा का दबदबा बना हुआ है।