वेदिका हत्याकांड मामला,राज छिपाने के आरोप में डॉक्टर को 6 महीने की सजा

जबलपुर जिला सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने बहुचर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड से जुड़े प्रकरण में तथ्य छिपाने के आरोपी डॉक्टर को दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी डॉक्टर को छह महीने की सजा और दो हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है।

Sep 8, 2024 - 14:15
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वेदिका हत्याकांड मामला,राज छिपाने के आरोप में डॉक्टर को 6 महीने की सजा
Doctor accused of hiding facts in case related to Vedika Thakur murder case guilty

जबलपुर जिला सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने बहुचर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड से जुड़े प्रकरण में तथ्य छिपाने के आरोपी डॉक्टर को दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी डॉक्टर को छह महीने की सजा और दो हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है।

तथ्य छुपाने के आरोप

अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर अमित खरे स्मार्ट सिटी अस्पताल बेदी नगर के संचालक हैं। उन्होंने संजीवनी नगर थाना अंतर्गत वेदिका ठाकुर हत्याकांड मामले की चिकित्सा रिपोर्ट पेश करने में लापरवाही की। यह जानते हुए कि गोली मारकर हत्या का प्रयास किया गया है, इसके बाद भी गोली चलाने के आरोपी पूर्व भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा को लाभ पहुंचाने की मंशा से इस तथ्य को विलोपित कर दिया।चिकित्सीय साक्ष्य का यह विलोपन अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपी ने यह जानते हुए कि वेदिका ठाकुर को गोली लगने से चोट आई है, पुलिस को सूचना देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होने के बावजूद सूचना देने के आशय को लोप किया। गोली लगने के कारण गंभीर रूप से घायल वेदिका की मौत हो गई थी। 

क्या है मामला

वेदिका ठाकुर हत्याकांड एक गंभीर मामला है। 16 जून 2023 को, भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा ने अपने दफ्तर में MBA छात्रा वेदिका ठाकुर को गोली मार दी। गोली वेदिका के पेट में लगी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 26 जून 2023 को वेदिका की मौत हो गई।

बीजेपी नेता था मामले में आरोपी

प्रियांश विश्वकर्मा ने दावा किया कि गोली गलती से चली थी। हालांकि पुलिस ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए उसकी बातों को नजरअंदाज किया। घटना के तुरंत बाद प्रियांश को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस की देरी से कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही की आलोचना भी की गई। मृतक वेदिका के परिवार ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे। मामले के सुर्खियों में आने पर बीजेपी ने पार्टी से निकाल पर आरोपी से पल्ला झाड़ लिया था।