डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडियाज सन्स' ओटीटी पर रिलीज
दिल्ली के फिल्ममेकर्स दीपिका नारायण भारद्वाज, नीरज कुमार और शोनी कपूर की लगातार चर्चा में बनी हुई डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडियाज सन्सÓ आखिरकार ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है। इस डॉक्यूमेंट्री का विषय हैं, उन पुरुषों का जीवन संघर्ष जो कतिपय महिलाओं द्वारा झूठे मामलों में फंसा दिए गए।
फिल्म उन पुरुषों के जीवन संघर्ष को बताती है जो महिलाओं द्वारा झूठे मामलों में फंसाए गए
दिल्ली के फिल्ममेकर्स दीपिका नारायण भारद्वाज, नीरज कुमार और शोनी कपूर की लगातार चर्चा में बनी हुई डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडियाज सन्सÓ आखिरकार ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है। इस डॉक्यूमेंट्री का विषय हैं, उन पुरुषों का जीवन संघर्ष जो कतिपय महिलाओं द्वारा झूठे मामलों में फंसा दिए गए। दीपिका सामाजिक कार्यकर्ता हैं और निर्भया कांड के बाद बदले गए कानूनों के दुरुपयोग को लेकर लगातार काम कर रही हैं। उनके सोशल मीडिया पेज पर ऐसी शिकायतों की भरमार आज भी रहती है।
जियो सिनेमा पर रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडियाज सन्स' को डायरेक्टर दीपिका नारायण भारद्वाज ने उसी तेवर के साथ बनाया है जिस तेवर के साथ उन्होंने दहेज उत्पीड़न कानून की धारा 498 ए के दुरुपयोग पर अपनी पिछली फिल्म 'मारटियर्स ऑफ मैरिज' बनाई थी।
वीडियो देखने के लिए क्लिक करे-
https://www.youtube.com/watch?v=SPH6DMCSC6Q&ab_channel=IndiasSons
सच को किया उजागर-
दीपिका की मानें तो ऐसा ही कुछ इन दिनों देश में बलात्कार के कानून को लेकर हो रहा है,और उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडियाज सन्स' में इसी सच को उजागर किया गया है। दीपिका ने बताया कि 'महिला सशक्तीकरण के नाम पर इन दिनों पुरुषों को निशाना बनाना फैशन हो गया है। कोई भी महिला अब किसी भी पुरुष का बदले की भावना से या किसी षडयंत्र के तहत नाम लेकर उसका करियर, उसकी जिंदगी और उसका पारिवारिक जीवन दो मिनट में तबाह कर सकती है क्योंकि उसे अब सबूत देने की कोई जरूरत नहीं है।' दिल्ली के 'निर्भया कांड' के बाद बलात्कार और स्त्री उत्पीड़न को लेकर बने कानून के बाद अब किसी महिला का सिर्फ ये कह देना काफी है कि उसका शोषण किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस निवेदिता अनिल शर्मा ने साल 2016 में ऐसे ही एक मामले में कहा, 'समय आ गया है कि ऐसे पुरुषों की मान मर्यादा को बहाल करने के भी कानून बने जिन्हें बलात्कार के झूठे केसों में फंसाया गया क्योंकि लग तो ऐसा ही रहा है कि सारे लोग बस महिलाओं के सम्मान की रक्षा में लगे हुए हैं।' दीपिका की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडियाज सन्स' इसी बात को आगे बढ़ाती है। ये फिल्म बताती है कि कैसे निर्भया मामले के बाद बदले गए कानून के बाद के दिनों में बलात्कार के मामलों के दर्ज होने में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई। लेकिन, साथ ही ये भी हुआ कि ऐसे अधिकतर मामलों में आरोपियों पर गुनाह साबित ही नहीं हो पाया। दीपिका कहती हैं, 'ऐसे तमाम मामले सिर्फ बदला लेने के लिए दायर किए गए और निर्भया कांड के बाद बदले गए कानून का दुरुपयोग करते हुए दर्ज कराए गए।' एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का पेशा छोड़ पत्रकारिता में आईं दीपिका लैंगिक भेदभाव के मामलों में पुरुषों के पक्ष में शुरू से आवाज उठाती रही हैं। उनका मानना है कि भारतीय कानूनों में पुरुषों के सम्मान के लिए कभी किसी ने आवाज नहीं उठाई। वह इस बारे में टेडएक्स से लेकर तमाम दूसरे मंचों पर इस बात की वकालत करती रही हैं कि कानून को लैंगिक भेदभाव से ऊपर उठकर एक तटस्थ नजरिये से समाज की संरक्षा करनी चाहिए।