ड्राइवर की झपकी ने 5 डॉक्टरों को सुलाया मौत की नींद

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण सड़क हादसे में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के 5 डॉक्टरों की मौत हो गई।

Nov 27, 2024 - 15:41
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ड्राइवर की झपकी ने 5 डॉक्टरों को सुलाया मौत की नींद
Driver's nap caused 5 doctors to die

कन्नौज के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हादसा

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण सड़क हादसे में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के 5 डॉक्टरों की मौत हो गई। घटना रात तीन बजे है है। जब सभी डॉक्टर्स लखनऊ से लौट रहे थे। इस दौरान ड्राइवर की झपकी लगने से इनका वाहन डिवाईडर तोड़ते हुए पलट गया और पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने वाहन को रौंद दिया। 

शादी समारोह से आ रहे थे वापस-

सुबह 3:43 पर कंट्रोल रुम से सूचना मिली कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किलोमीटर संख्या 196 पर हादसा हो गया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। स्कार्पियो आगरा जा रही थी, नींद आने के कारण कार डिवाइडर तोड़ कर आगरा से लखनऊ जाने वाली दिशा में पहुंच गई। इसके बाद आगरा की तरफ से आ रहे ट्रक से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में अनिरुद्ध वर्मा, पवन कुमार वर्मा के बेटे, जो राधा विहार एक्सटेंशन कमला नगर, आगरा के निवासी थे, सहित पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। घायल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। 

मृृतकों की पहचान-

-अनिरुद्ध वर्मा पिता पवन वर्मा निवासी राधा विहार एक्सटेंशन, कमला नगर आगरा
-संतोष मौर्य पिता जीत नारायण मौर्य निवासी राजपुरा भाग-3 भदोही संत रविदास नगर
-अरुण कुमार पिता अंगद लाल निवासी तेरा मल्लू मोचीपुर, कन्नौज 
-नरदेव पुत्र राम लखन गंगवार निवासी बायपास रोड, नवाबगंज बरेली
-राकेश कुमार, लिपिक

हर जान अनमोल:अखिलेश यादव

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि हर एक जान अनमोल होती है, लेकिन जान बचाने वाले डॉक्टरों की जान जाना और भी अधिक दुखद घटना है। श्रद्धांजलि! उप्र भाजपा सरकार को ये सोचना चाहिए कि एक्सप्रेस-वे पर अचानक हादसों की संख्या क्यों बढ़ गई है। क्या भाजपा सरकार, सपा के समय में बने इस विश्वस्तरीय एक्सप्रेस-वे की देखरेख करने की योग्यता और क्षमता नहीं रखती है या फिर जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। क्या हाईवे की पुलिसिंग कोने में गाड़ी लगाकर, मोबाइल देखने के लिए ही रह गई है। जब मोबाइल से सिर उठाएंगे तब तो देखेंगे कि कौन गलत-सही गाड़ी चला रहा है। क्या स्पीड पर निगाह रखनेवाली टेक्नॉलॉजी केवल चालान काटकर पैसा कमाने के लिए है या चेतावनी देकर जान बचाने के लिए भी है। क्या जानवरों की आवाजाही के नियंत्रण का कोई भी उपाय सरकार के पास नहीं है, जो सैकड़ों बार हादसों का कारण बन रहे हैं। भाजपा राज में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के प्रति द्वेषभरा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जिसकी कीमत जनता अपनी जान गंवाकर चुका रही है।