चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन एक साथ पड़ी द्वितीया और तृतीया तिथि 

चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस पावन पर्व के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र शुक्ल द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही है।

Mar 31, 2025 - 15:35
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चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन एक साथ पड़ी द्वितीया और तृतीया तिथि 
Dwitiya and Tritiya Tithi fall together on the second day of Chaitra Navratri

आज के दिन की जाती है मां ब्रह्मचारिणी के साथ-साथ मां चंद्रघंटा की पूजा 

चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस पावन पर्व के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। हालांकि, पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र शुक्ल द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही है, जिससे इस दिन मां ब्रह्मचारिणी के साथ-साथ मां चंद्रघंटा की भी पूजा की जाएगी। इन दोनों स्वरूपों की आराधना का विशेष महत्व है।

मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा का महत्व:

मां ब्रह्मचारिणी: ये ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी मानी जाती हैं। जो लोग ज्ञान और आत्मिक उन्नति की चाह रखते हैं, उनके लिए मां ब्रह्मचारिणी आदर्श आराध्या हैं।

मां चंद्रघंटा: देवी दुर्गा के इस स्वरूप को शक्ति, साहस, वीरता, निर्भयता और सौम्यता की देवी के रूप में जाना जाता है। इनकी पूजा से भक्त को ऊर्जा, साहस और मन की शांति प्राप्त होती है।

पूजा के मंत्र:

मां ब्रह्मचारिणी का स्तुति मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र:

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः।

मां चंद्रघंटा का उपासना मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र:

ऐं श्रीं शक्तयै नमः।

प्रिय भोग:

मां ब्रह्मचारिणी को: शक्कर और पंचामृत अर्पित करें। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण होता है, जो मां की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

मां चंद्रघंटा को: दूध या मेवे से बनी वस्तुओं का भोग अर्पित करें। इस दिन दूध से बनी मिठाइयाँ जैसे मिल्क बर्फी आदि अर्पित करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

प्रिय फूल:

मां ब्रह्मचारिणी के लिए: चमेली, कमल और सफेद रंग के फूल अर्पित करें। इन फूलों से जीवन में धर्म, ज्ञान और तप की वृद्धि होती है।

मां चंद्रघंटा के लिए: गुड़हल और लाल रंग के फूल अर्पित करें। ये फूल ऊर्जा, शांति और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।

इस विशेष दिन पर मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा से आपके जीवन में ज्ञान, शक्ति, ऊर्जा और शांति का संचार होगा।