ईडी ने जब्त प्रॉपर्टी पर खोला अपना ऑफिस
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ईडी जो भारत सरकार की आर्थिक अपराध नियामक संस्था है और काला धन पर लगाम लगाने का काम करती है, उसका एक हैरतअंगेज़ कारनामा सामने आया है।
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ईडी जो भारत सरकार की आर्थिक अपराध नियामक संस्था है और काला धन पर लगाम लगाने का काम करती है, उसका एक हैरतअंगेज़ कारनामा सामने आया है। दिल्ली के गुरुग्राम में एक मनी लॉन्डरिंग के केस में ईडी ने अतुल बंसल नाम के व्यक्ति से उसका फार्म हाउस जप्त किया था जिसे उसने अपना जोनल ऑफिस बना लिया है।
अतुल बंसल ने 2004 में यह फार्म हाउस खरीदा था, फिर अपनी कुछ सम्पत्तियों को बैंक में मोर्टगेज करके उसने यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया से कुल 111 करोड़ लोन लिया था, इसके बाद उसकी मृत्यु हो गयी। उसकी मृत्यु के बाद बैंक ने 2017 में यह संपत्ति अपने कब्जे में ले ली थी। इसके बाद ईडी ने बैंक से फार्महाउस को अपने कब्जे में ले लिया। इसके खिलाफ यूनियन बैंक में डीआरटी कोर्ट में याचिका लगायी थी और अभी मामला दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है।
बैंक ने 96 करोड़ रुपये देकर संपत्ति को ईडी से वापस लेने की पेशकश ईडी को कि है लेकिन ईडी इसमें राज़ी नहीं है। बैंक ने कहा है कि कोर्ट में लंबित प्रॉपर्टी पर ऑफिस खोल लेना एक अपराध कि श्रेणी में आता है। यूनियन बैंक कि तरफ से वकील अलोक कुमार ने कहा कि ईडी का काम प्रॉपर्टी को जल्द से जल्द बेच कर पैसे निकालना है न कि प्रॉपर्टी में अपना ऑफिस बना लेना। विवादित संपत्ति (ईडी जोनल ऑफिस) में 100 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं एवं 40 के आसपास फोर व्हीलर दैनिक पार्क कि जाती हैं। संपत्ति कि मार्केट वैल्यू 1 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।