पाकिस्तान में भूकंप: 5.8 रही तीव्रता, दिल्ली-एनसीआर में कई भी झटके

पाकिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। इसका केंद्र जमीन से 33 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप के झटके भारत में दिल्ली-एनसीआर समेत कई जगहों पर भी महसूस किए गए।

Sep 11, 2024 - 15:57
 6
पाकिस्तान में भूकंप: 5.8 रही तीव्रता, दिल्ली-एनसीआर में कई भी झटके
Earthquake in Pakistan: Magnitude 5.8, several tremors felt in Delhi-NCR

पाकिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। इसका केंद्र जमीन से 33 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप के झटके भारत में दिल्ली-एनसीआर समेत कई जगहों पर भी महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, पाकिस्तान में बुधवार दोपहर 12.58 बजे 5.8 तीव्रता का भूकंप आने के बाद दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी इसके झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पंजाब के अमृतसर से 415 किलोमीटर दूर पश्चिम में था।

क्यों आता है भूकंप-

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। 

कैसे मापी जाती है तिव्रता-

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।