तिब्बत में 6.8 तीव्रता का भूकंप, 53 मौत, 62 घायल

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये है। इस भूकंप में 53 से अधिक लोगों की मौत की खबर है, जबकि 62 लोग घायल हैं।

Jan 7, 2025 - 15:32
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तिब्बत में 6.8 तीव्रता का भूकंप, 53 मौत, 62 घायल
Earthquake of 6.8 magnitude hits Tibet, 53 killed, 62 injured

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये है। इस भूकंप में 53 से अधिक लोगों की मौत की खबर है, जबकि 62 लोग घायल हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के मुताबिक मंगलवार सुबह 9:05 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। 

शिजांग के डिंगरी काउंटी में 53 की मौत-

चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है। 62 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में था।

सुबह से ही महसूस हो रहे थे झटके-

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, मंगलवार सुबह से तिब्बत क्षेत्र के शिजांग में भूकंप के झटके महसूस हो रहे थे। यहां सुबह 6:30 बजे 7.1 तीव्रता के साथ 10 किमी गहराई पर भूकंप आया। इसके बाद 7:02 बजे 4.7 तीव्रता, 7:07 बजे 4.9 तीव्रता और 7:13 बजे 5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन झटकों के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर भाग गए।

भारत के कई राज्यों में दिखा असर-

भूकंप के झटके भारत के विभिन्न राज्यों में महसूस किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा प्रभाव बिहार में देखा गया। इसके अलावा, असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान लोग डर के मारे अपने-अपने घरों से बाहर आ गए। यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था।

क्यों आता है भूकंप-

पृथ्वी के अंदर सात मुख्य प्लेट्स होती हैं, जो लगातार गतिमान रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, तो उस क्षेत्र को फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के किनारे मुड़ने लगते हैं, और जब बहुत अधिक दबाव बनता है, तो ये प्लेट्स टूट जाती हैं। इस दौरान जो अंदर की ऊर्जा होती है, वह बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और इस प्रक्रिया में भूकंप उत्पन्न होता है। भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहा जाता है, जहां प्लेट्स में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है। इस क्षेत्र में भूकंप का कंपन सबसे अधिक होता है। जैसे-जैसे कंपन की आवृत्ति दूर होती है, उसका प्रभाव भी कम हो जाता है। हालांकि, यदि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे अधिक होती है, तो आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में इसका प्रभाव तेज होता है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की दिशा में है या दायरे में। यदि कंपन ऊपर की ओर होता है, तो प्रभावी क्षेत्र छोटा होगा।