दमोह: अंडे बेचने वाले को मिला 6 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस

मध्य प्रदेश के दमोह जिले की पथरिया तहसील के वार्ड क्रमांक 14 में रहने वाले प्रिंस सुमन के नाम पर जीएसटी विभाग का चौंकाने वाला नोटिस आया।

Mar 28, 2025 - 14:14
 11
दमोह: अंडे बेचने वाले को मिला 6 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस
Egg seller gets GST notice of Rs 6 crore

सोचिए, आप सुबह उठते ही एक चिट्ठी पाते हैं, जिसमें बताया जाता है कि आपको 6 करोड़ रुपये चुकाने हैं, वह भी उस काम के लिए जो आपने कभी किया ही नहीं! ऐसा ही चौंकाने वाला मामला मध्य प्रदेश के दमोह से सामने आया है, जहां जीएसटी विभाग ने एक ठेले पर अंडे बेचने वाले युवक को 6 करोड़ रुपये का नोटिस थमा दिया। विभाग ने उसे बकाया जीएसटी चुकाने की चेतावनी दी है। हैरानी की बात यह है कि जिसने कभी दिल्ली नहीं देखी, उसे वहां उसके नाम पर रजिस्टर्ड फर्म के 50 करोड़ रुपये के कारोबार का रिकॉर्ड और दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है।

यह सब सुनकर युवक हैरान और परेशान है। उसका कहना है कि वह कभी दिल्ली गया ही नहीं, लेकिन उसके नाम पर वहां एक फर्म रजिस्टर कर करोड़ों का कारोबार किया जा रहा है। इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी, और अचानक 6 करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस ने उसे पूरी तरह से चौंका दिया है।

6 करोड़ के जीएसटी विभाग के नोटिस ने किया हैरान


मध्य प्रदेश के दमोह जिले की पथरिया तहसील के वार्ड क्रमांक 14 में रहने वाले प्रिंस सुमन के नाम पर जीएसटी विभाग का चौंकाने वाला नोटिस आया। 18 मार्च को डाक से मिले इस नोटिस में उनके पैन कार्ड की जानकारी और करीब 50 करोड़ रुपये के कारोबार का जिक्र था। नोटिस में बताया गया कि इस कारोबार पर 6 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है, जिसे चुकाने की चेतावनी दी गई है।

फर्जी फर्म के नाम पर हुआ करोड़ों का कारोबार


नोटिस मिलने के बाद प्रिंस ने अपने पिता श्रीधर सुमन से सलाह ली और फिर अपने दोस्तों के साथ जीएसटी मामलों के वकील अभिलाष खरे के पास पहुंचे। वकील ने पुष्टि की कि नोटिस असली है। दस्तावेजों के मुताबिक, दिल्ली के स्टेट जोन 3, वार्ड नंबर 33 में "प्रिंस इंटरप्राइजेज" नामक फर्म 2022-23 से उनके पैन कार्ड पर पंजीकृत है। यह फर्म आयरन, चमड़ा और लकड़ी का कारोबार करती है और 50 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन कर चुकी है, लेकिन जीएसटी जमा नहीं किया गया है।

युवक ने दी पुलिस में शिकायत


प्रिंस सुमन ने मीडिया को बताया कि वह अपने जीवन में कभी दिल्ली नहीं गया। हालांकि, कुछ साल पहले वह इंदौर में एक साल तक काम कर चुका है, लेकिन उस दौरान भी उसने कभी अपना पैन कार्ड या आधार किसी को नहीं दिया। प्रिंस ने इस मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज करवाई है और आयकर विभाग को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।