रूप चौदस पर निखारें सौंदर्य 

दीपावली के एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। कहते हैं कि इस दिन घर का हर कोना रोशन होना चाहिए यानी दिवाली की तरह दीपक जलाने चाहिए, पूजन करना चाहिए।

Oct 28, 2024 - 15:45
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रूप चौदस पर निखारें सौंदर्य 
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दीपावली के एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। कहते हैं कि इस दिन घर का हर कोना रोशन होना चाहिए यानी दिवाली की तरह दीपक जलाने चाहिए, पूजन करना चाहिए। दिवाली के पहले यानी चतुर्दशी के दिन को रूप चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। आखिर क्यों इस दिन महिलाएं अपने सौंदर्य को निखारने के लिए उबटन और फेशियल कराती हैं।

आइए जानते हैं कि इसके पीछे की कहानी। कहा जाता है कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और उसकी कैद से 16 हजार एक सौ कन्याओं को आजाद कराया था। कहा तो यह भी जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान कृष्ण सौंदर्य प्रदान करते हैं। इस दिन हल्दी का उबटन करने की परंपरा है। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज का स्मरण कर घर की चौखट पर दक्षिण दिशा की ओर यमराज का स्मरण कर दीया रखा जाता है। ऐसा करने से घर में अकाल मृत्यु का संकट नहीं आता। 

रूप को निराखने हर उम्र के लोगों में दिखता है उत्साह 

रूप चौदस के दिन हल्दी के उबटन के साथ स्नान करना चाहिए। लोग इस परंपरा को सालों से निभाते चले आ रहे हैं। समय के साथ रूप चौदस को मनाने का तरीका बदला है। अब लोग पारंपरिक रूप से उबटन तो लगा लेते हैं, लेकिन इस दिन पार्लर जाकर ब्यूटी ट्रीटमेंट कराने की परंपरा की शुरूआत हो गई है।

खास तौर से महिलाओं में इस दिन को लेकर खास उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन महिलाएं पार्लर में मिलने वाले आकर्षक ऑफर्स का लाभ उठाती हैं। बॉडी पॉलिशिंग, मसाज, फेशियल के साथ ही हेयर ट्रीटमेंट करवाना पसंद करती हैं। हर उम्र के लोगों में अपने रूप को निखारने का उत्साह देखा जाता है।

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