12 हजार सालों बाद वापिस लौटी विलुप्त प्रजाति डायर वुल्फ
लगभग 12,500 सालों से विलुप्त रही प्रजाति, डायर वुल्फ, अब जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए फिर से जीवित कर दी गई है।

- दिखा जेनेटिक इंजीनियरिंग का कमाल,
- दुनिया का पहला डी- एक्सटेंशन
लगभग 12,500 सालों से विलुप्त रही प्रजाति, डायर वुल्फ, अब जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए फिर से जीवित कर दी गई है। वैज्ञानिक इसे "दुनिया की पहली विलुप्ति" (de-extinction) कह रहे हैं। यह प्रजाति एचबीओ की लोकप्रिय सीरीज़ गेम ऑफ थ्रोन्स में अपने प्रभावशाली रूप के लिए मशहूर है।
कोलोसल बायोसाइंसेज की सफलता
टेक्सास स्थित जेनेटिक इंजीनियरिंग कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज ने हाल ही में तीन डायर वुल्फ पिल्लों के जन्म की घोषणा की है। कंपनी ने कहा, "यह वैज्ञानिक प्रगति का एक क्रांतिकारी मील का पत्थर है, जो हमारी विलुप्ति पुनर्जीवन तकनीकों में एक महत्वपूर्ण छलांग है और अन्य विलुप्त प्रजातियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक कदम है।"
साथ ही, कोलोसल ने "गैर-आक्रामक रक्त क्लोनिंग तकनीक" का उपयोग कर लाल भेड़ियों के दो शावकों को भी सफलतापूर्वक क्लोन किया है, जो दुनिया की सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय भेड़िया प्रजाति है।
SOUND ON. You’re hearing the first howl of a dire wolf in over 10,000 years. Meet Romulus and Remus—the world’s first de-extinct animals, born on October 1, 2024.
The dire wolf has been extinct for over 10,000 years. These two wolves were brought back from extinction using… pic.twitter.com/wY4rdOVFRH — Colossal Biosciences® (@colossal) April 7, 2025
नए जन्मे वुल्फ पिल्ले-
डायर वुल्फ के पिल्ले: दो किशोर नर (रोमुलस और रेमस) और एक मादा पिल्ला (खलीसी)।
लाल भेड़ियों के शावक: एक किशोर मादा (होप) और तीन नर पिल्ले (ब्लेज़, सिंडर और ऐश)।
कोलोसल ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें 10,000 सालों के बाद पहली बार डायर वुल्फ की चीख सुनाई दे रही है। कैप्शन में लिखा है: "आप 10,000 सालों में पहली बार डायर वुल्फ की चीख सुन रहे हैं। रोमुलस और रेमस से मिलिए - दुनिया के पहले विलुप्त जानवर, जिनका जन्म 1 अक्टूबर 2024 को हुआ था।"
कोलोसल बायोसाइंसेज के बारे में-
यह कंपनी 2021 में बेन लैम और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिक जॉर्ज चर्च द्वारा स्थापित की गई थी। शुरुआत में उनका लक्ष्य ऊनी मैमथ को वापस लाना था। अब उनका लक्ष्य अन्य विलुप्त जानवरों जैसे तस्मानियाई बाघ (थाइलैसिन) और डोडो को भी पुनर्जीवित करना है।
कोलोसल के सीईओ बेन लैम ने कहा, "मैं हमारी टीम पर गर्व करता हूँ। यह मील का पत्थर दिखाता है कि हमारी तकनीक काम कर रही है। हमने 13,000 साल पुराने दांत और 72,000 साल पुरानी खोपड़ी से डीएनए लेकर स्वस्थ डायर वुल्फ पिल्लों को जन्म दिया है। यह तकनीक एक तरह का जादू है, और आज हमने इसे साकार किया है।"
यह उपलब्धि न केवल विलुप्त जानवरों को वापस लाने की संभावना दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भविष्य में जैव विविधता के संरक्षण के लिए नई तकनीकें कितनी महत्वपूर्ण हो सकती हैं।