जॉय स्कूल के अखिलेश मेबन एंड कंपनी पर एफआईआर, दो गिरफ्तार, एक फरार
जॉय स्कूल के अखिलेश मेबन एंड कंपनी पर एफआईआर, दो गिरफ्तार, एक फरार- ऑडिट रिपोर्ट के साथ खिलवाड़, नकली आईएसबीएन नंबर की किताबें जब्त,
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर स्थित विजयनगर के जॉय सेकेन्ड्री स्कूल पर सोमवार सुबह कार्रवाई का शिकंजा कस गया। जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुये जॉय एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष अखिलेश मेबन व सोसायटी के सचिव अनुराग श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है। एफआईआर में एक तीसरा नाम सोसायटी की कोषाध्यक्ष कविता बलेछा का भी है, लेकिन अभी तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अखिलेश मेबन पर मुख्य रूप से आरोप है आर्थिक अनियमितताओं का। अव्वल तो बच्चों की फीस से ली गयी राशि को नियम के विपरीत के कई खातों में ट्रांसफर किया और इसी राशि को अपने भोग-विलास के लिए खर्च किया और इन सभी खर्चों को छिपाने का प्रयास किया। मेबन एंड कंपनी ने फर्जी तरीकों का इस्तेमाल कर स्कूल की आय को कम से कम बताने का प्रयास किया, ताकि टैक्स न चुकाना पड़े। लेकिन ये सारा फर्जीवाड़ा जांच कमेटी की निगाहों से बच नहीं सका। इस कार्रवाई का खुलासा होने के बाद से स्कूल लॉबी में हड़कंप मचा हुआ है और सबको डर सता रहा है कि स्कूलों के खिलाफ एक बार फिर से एक्शन शुरु हो गया है।
-इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
विजयनगर थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के तहत 318(4), 316(5), 336(3), 340(2), 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। ये प्रकरण 1 अप्रैल 2018 से 10 अक्टूबर 2024 तक की अनियमितताओं और हेराफेरी के लिए दर्ज किया गया है। एफआईआर में मेबन और श्रीवास्तव के साथ कविता बलेछा को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में विवेचना जारी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
प्वाइंट-टू-प्वाइंट चली जांच
- जांच में पाया गया कि स्कूल प्रबंधन ने ऑडिट रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया,जबकि ऐसा करना अनिवार्य है।
- बीते पांच सालों से फीस वृद्धि का प्रस्ताव पेश नहीं किया गया,जिससे संदेह पैदा हुआ।
- नियम के मुताबिक, जिला या राज्य समिति की सहमति के बिना 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाई गयी।
- वर्ष 2021-22 से लेकर अब तक बिना कोई ठोस कारण प्रकट किए नई पुस्तकें कोर्स में जोड़ी गयी,जिनका सीधा भार अभिभावकों की जेब पर पड़ा।
- कुल 106 पाठ्य पुस्तकों में से 13 किताबों के आईएसबीएन फर्जी पाए गये। स्कूल द्वारा चुनी गयीं 12 प्रतिशत किताबों में भी दर्ज है फर्जी आईएसबीएन।
- स्कूल ने साल 2017-18 से वर्तमान सत्र तक कुल 25 करोड़ 21 लाख 12 हजार 40 रुपये बतौर फीस अवैधानिक रूप से वसूल किए हैं।
मंहगी कारें और विदेश यात्राओं का चिट्ठा
मेबन एंड कंपनी ने सरकार के सारे नियमों की ऐसे धज्जियां उड़ाईं हैं कि जांच करने वाली टीम भी हैरत में है। आरोप है कि मेबन ने बिना सोसायटी की एप्रूवल के ही महंगी कारें खरीदीं और विदेशों में लंबी यात्राओं शौक पूरा किया। मुश्किल ये है कि ये सब कुछ बच्चों की फीस से ही संभव हुआ,लेकिन ऑडिट रिपोर्ट में इनका कहीं जिक्र तक नहीं है। मेबन के पास तीन कारें ऐसी हैं,जिनका रजिस्ट्रेशन दमन-दीव का है,लेकिन इस बारे में प्रबंधन किसी भी तरह की संतोषजनक जानकारी नहीं दे पा रहा है। रिपोर्ट में एक दुबई ट्रिप का जिक्र है,जिसे शैक्षणिक भ्रमण का नाम दिया गया है परंतु जांच-पड़ताल में इस ट्रिप का शिक्षा से या कौशल विकास से किसी भी तरह का संबंध स्थापित नहीं हुआ।