टेलीग्राम में प्रश्नपत्र बेचने का दावा करने वाले पांच ग्रुपों पर एफआईआर दर्ज, साइबर सेल और क्राइम ब्रांच रख रही पैनी नजर

सोशल मीडिया पर बोर्ड परीक्षाओं के पेपर बेचने के दावे करने वाले फर्जी हैं, लेकिन फिर भी अभिभावक व छात्र ठगने का तैयार हैं। फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरु होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए सोशल मीडिया में पर्चे बेंचने की जालसाजी परवान चढ़ने लगी है।

Feb 18, 2025 - 17:12
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टेलीग्राम में प्रश्नपत्र बेचने का दावा करने वाले पांच ग्रुपों पर एफआईआर दर्ज, साइबर सेल और क्राइम ब्रांच रख रही पैनी नजर
FIR lodged against five groups claiming to sell question papers on Telegram, Cyber ​​Cell and Crime Branch keeping a close watch

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। सोशल मीडिया पर बोर्ड परीक्षाओं के पेपर बेचने के दावे करने वाले फर्जी हैं, लेकिन फिर भी अभिभावक व छात्र ठगने का तैयार हैं। फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरु होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए सोशल मीडिया में पर्चे बेंचने की जालसाजी परवान चढ़ने लगी है। टेलीग्राम के ऐसे पांच ग्रुपों पर एफआईआर दर्ज की है,जो ये दावा कर रहे थे कि परीक्षा के कुछ घंटे पहले वो एकदम असली वाला प्रश्नपत्र अपलोड कर देंगे। इन ग्रुप्स में हजारों लोग जुड़े होते हैं, जिनमें कई छात्र भी शामिल होते हैं। साइबर क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। छात्रों और नागरिकों को टेलीग्राम ग्रुप्स पर बिकने वाले फर्जी पेपरों से बचने की चेतावनी दी गई है।

ओरिजिनल पेपर देने का दावा-

10वीं बोर्ड की परीक्षा के साथ टेलीग्राम पर इस बार फिर बच्चों के साथ ठगी का सिलसिला शुरू हो गया है। टेलीग्राम में कई ग्रुप पर दावा किया जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा से पहले सुबह उन्हें ओरिजिनल पेपर दे दिया जाएगा, वहीं कई अन्य ग्रुप पर फीस देकर 80 प्रतिशत सवाल सही मिलने का दावा किया जा रहा है। एपमबी बोर्ड पेपर लीक ग्रुप पर पहले ग्रुप ज्वाइन करने के लिए 350 फीस ली जा रही है। हमने एक प्राइवेट ग्रुप बनाया है जिसमें कहा गया कि आप अपनी परीक्षा से संबंधित टॉप 35 प्रश्न देंगे और कुछ टॉप 50 प्रश्न देंगे, जिनमें से 70-80 प्रतिशत आपके पेपर में आएंगे। हमारे ग्रुप में शामिल होने की फीस 350 रुपए है। यदि आप हमारे समूह में शामिल होना चाहते हैं तो आप हमें नीचे दिए गए उपयोगकर्ता नाम में संदेश भेज सकते हैं और हमें बता सकते हैं हम आपको क्यूआर या यूपीआई देंगे, भुगतान करने और हमें स्क्रीनशॉट्स देने के बाद, हम आपको इसमें जोड़ देंगे, जिसके बाद पर्सनली बात करने पर युवक ने 350 रुपए में असली पेपर देने का वादा किया।

फेल होने के चांसेज ज्यादा

विशेषज्ञों का मानना है कि पेपर खरीदने वाले स्वाभाविक तौर पर पढ़ाई पर फोकस छोड़ देते हैं। बाद में जब पेपर देते हैं तो वे फेल हो जाते हैं।  टेलीग्राम ग्रुप्स में जुड़कर पेपर खरीदना न केवल परीक्षा में फेल होने का खतरा बढ़ा सकता है, बल्कि छात्रों का करियर भी दांव पर लग सकता है।  पिछले साल भी इस तरह की शिकायतों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।  अब टेलीग्राम से संबंधित ग्रुप्स की जानकारी मांगी जा रही है, ताकि उन पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।