5 हजार ट्रैक्टरों के साथ किसान घेरेंगे शक्ति भवन
मध्य प्रदेश के जबलपुर में भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत की प्रांतीय बैठक प्रांत अध्यक्ष गजराज सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुई।

कृषि विद्युत पंपों में भार वृद्धि व बिजली बिलों के खिलाफ भारतीय किसान संघ निकालेगा गर्जना रैली
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत की प्रांतीय बैठक प्रांत अध्यक्ष गजराज सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुई। जिसमें प्रांत व सभी संभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। जिसमें सभी ने एकमत होकर कृषि विद्युत पंपों में भार वृद्धि व बढ़े हुए बिजली बिलों के खिलाफ विशाल आंदोलन करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की। प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि कृषि विद्युत पंपों में रातों रात भार वृद्धि करते हुए पांच हॉर्स पावर के कनेक्शन को आठ और आठ के कनेक्शन दस और बारह हॉर्स पावर में परिवर्तित कर दिया गया। जिसके बढ़े हुए बिल विभाग ने किसानों को भेजना शुरू कर दिया है। जिससे प्रांत का किसान नाराज है। भार वृद्धि व बढ़े हुए बिजली बिलों, विद्युत सम्बन्धी अन्य समस्याओं के खिलाफ विद्युत मंडल के जबलपुर स्थित मुख्यालय शक्ति भवन का घेराव किया जाएगा। केंद्रीय अधिकारियों से चर्चा कर आंदोलन की तारीख शीघ्र घोषित की जाएगी।
-24 जिलों से आएंगे ट्रैक्टर
किसान संघ के महानगर प्रचार प्रमुख मनोज मिश्रा ने बताया कि जबलपुर, रीवा, शहडोल व सागर संभाग सहित 24 जिलों से पांच हजार ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ किसान विद्युत मंडल के मुख्यालय शक्तिभवन का घेराव करेंगे। मांग की गई कि सरकार तत्काल कृषि पंपों की भार वृद्धि व बढ़े हुए बिजली बिल वापिस लें।
-पांच हजार गावों में होगा जनजागरण
किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने बताया कि किसान शक्ति शंखनाद कार्यक्रम के तहत शक्ति भवन के घेराव के पूर्व प्रांत के पांच हजार गावों में जनजागरण अभियान प्रारंभ होगा। जिसमें किसानों के खिलाफ सरकार द्वारा तानाशाही रवैए से लिए जा रहे निर्णयों की जानकारी से किसानों को अवगत कराया जाएगा और आंदोलन में शामिल होने की अपील की जाएगी।
-धान खरीदी की समीक्षा
बैठक में धान खरीदी की समीक्षा की गई है। प्रांत उपाध्यक्ष मोहन तिवारी ने बताया कि जिन जिलों में धान खरीदी केन्द्रों की संख्या कम होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहां प्रशासन से तुरंत नए केंद्र या उप केंद्र स्थापित करने की मांग रखी है। साथ ही धान खरीदी के उपरांत भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह प्रशासन से किया गया है।