छिंदवाड़ा का पूर्व बिशप पंचू निकला सरकारी जमीन का सौदागर, खंगाला जा रहा जबलपुर कनेक्शन
जबलपुर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने छिंदवाड़ा के पूर्व बिशप पर सरकारी जमीन का सौदा करने के मामले में एफआईआर करने के बाद अब इमानुअल पंचू का जबलपुर से जमीनी कनेक्शन खोजना शुरू किया है।
ईओडब्ल्यू ने किया मामला दर्ज, गिरफ्तारी के बाद होंगे बड़े खुलासे
जबलपुर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने छिंदवाड़ा के पूर्व बिशप पर सरकारी जमीन का सौदा करने के मामले में एफआईआर करने के बाद अब इमानुअल पंचू का जबलपुर से जमीनी कनेक्शन खोजना शुरू किया है। ईओडब्ल्यू को पता चला है कि जबलपुर और आसपास के जिलों में भी पूर्व बिशप ने ऐसा ही हेरफेर किया है। ईओडब्ल्यू ने पूर्व बिशप सहित 6 अन्य पर फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी जमीन बेचने के आरोप में प्रकरण दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू जल्द ही इनकी गिरफ्तारी करेगी और रिकवरी की प्रक्रिया शुरु होगी।
टीम बनाकर करते थे गोलमाल-
आरोपित तौर पर इन जबलपुर फर्म्स एन्ड सोसायटी की अनुमति लिए बिना करोड़ों की जमीन का सौदा किया गया, जिससे शासन को एक करोड़ के राजस्व की हानि पहुंचाई और धोखाधड़ी भी की। मामले में छिंदवाड़ा के तत्कालीन बिशप इमानुअल पंचू सहितअनिल मैथ्यूज,आर्चडीकन बिशप अनिल मार्टिन, सचिव नितिन सहाय, कमलकांत राठी और चर्च के हेड ट्रेजर अशोक चौकसे के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
11 करोड़ से ज्यादा का मामला-
जबलपुर ईओडब्ल्यू एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि जांच में शासन की करीब एक करोड़ 11 लाख 95 हजार रुपए कीमत की जमीन जालसाजी कर बेंचने के साक्ष्य मिले हैं। तत्कालीन बिशप ने पावर ऑफ अटॉर्नी अनिल मैथ्यूज व अनिल मार्टिन को देकर सागर के खुरई स्थित 6 हजार वर्ग फीट की जमीन राकेश राय को बेंची है। तत्कालीन विश्व ने 5 लाख रुपए चेक के माध्यम से लिए, जिसे चर्च के खाते में जमा नहीं किया। इसी तरह से अमरवाड़ा में 41 लाख 65 हजार रुपए कीमत की 28 सौ वर्ग फीट जमीन वर्ष 2015 में 5 लाख में बेच दी। अमरवाड़ा में ही 16 सौ वर्ग फीट की जमीन वर्ष 2018 में 2 लाख 10 हजार में बेच दी। छिंदवाड़ा फोरेस्ट नाका के पास की 12 सौ वर्ग फीट जमीन मार्च 2007 में कमलकांत राठी ने फर्जी दस्तावेज के जरिए अशोक चौकसे को 6 लाख 16 हजार रुपए में बेची। तत्कालीन बिशप ने जमीन बेंचने के लिये तयशुदा नियमों को दरकिनार किया।