मध्य प्रदेश की चार ऐतिहासिक धरोहरें यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में हुईं शामिल 

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि UNESCO ने मध्य प्रदेश की चार और ऐतिहासिक धरोहरों को अपनी शुरुआती सूची में शामिल किया है। इनमें सम्राट अशोक के शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर और बुंदेला शासकों के किले-महल शामिल हैं।

Mar 12, 2025 - 14:47
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मध्य प्रदेश की चार ऐतिहासिक धरोहरें यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में हुईं शामिल 
Four historical heritages of Madhya Pradesh included in UNESCO's tentative list

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि UNESCO ने मध्य प्रदेश की चार और ऐतिहासिक धरोहरों को अपनी शुरुआती सूची में शामिल किया है। इनमें सम्राट अशोक के शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर और बुंदेला शासकों के किले-महल शामिल हैं।

इससे पहले भी UNESCO ने मध्य प्रदेश की छह धरोहरों को इस सूची में जगह दी थी। अब राज्य में कुल 18 धरोहरें UNESCO की मान्यता प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें से 3 को स्थायी और 15 को शुरुआती सूची में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर सभी को बधाई दी और कहा कि इससे राज्य के पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा।

मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक पहचान

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को विश्व स्तर पर पहचान मिल रही है। UNESCO की सूची में चार नई धरोहरों का जुड़ना इसी का प्रमाण है। उन्होंने इसे प्रदेश के लिए गर्व की बात बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इन धरोहरों के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

चार नई धरोहरें मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक

UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त ये चार धरोहरें मध्य प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं। सम्राट अशोक के शिलालेख 2200 वर्ष से अधिक पुराने हैं और इनमें बौद्ध धर्म, शासन और नैतिकता से जुड़े संदेश अंकित हैं। ये शिलालेख सांची, जबलपुर, दतिया और सीहोर में स्थित हैं।

चौसठ योगिनी मंदिरों का ऐतिहासिक महत्व

चौसठ योगिनी मंदिर 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच निर्मित हुए थे और ये तांत्रिक परंपराओं से जुड़े हैं। इन मंदिरों की संरचना गोलाकार होती है और ये खुले आकाश के नीचे बने होते हैं। इनकी अद्भुत शिल्पकला और आध्यात्मिक महत्व विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। मध्य प्रदेश में खजुराहो, मितावली (मुरैना), जबलपुर, बदोह (जबलपुर), हिंगलाजगढ़ (मंदसौर), शहडोल और नरेसर (मुरैना) में चौसठ योगिनी मंदिर स्थित हैं।