फ्यूल सरचार्ज जीरो इसलिए बिजली दाम बढ़ाने का प्रस्ताव गैर जरूरी
मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 27 नवम्बर को आदेश जारी कर फ्यूल सरचार्ज शून्य से कम (माइनस) 6.14 फीसदी बताया है।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने किया विरोध
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 27 नवम्बर को आदेश जारी कर फ्यूल सरचार्ज शून्य से कम (माइनस) 6.14 फीसदी बताया है। इसी तरह 26 दिसम्बर के आदेश में भी बाद का फ्यूल सरचार्ज माइनस 0.55 फीसदी बताया गया है। ऐसे में 29 नवम्बर को बिजली कंपनियों द्वारा इस वर्ष के आंकड़ों के आधार पर बिजली के रेट 7 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव पर विरोधाभास खड़ा हुआ है।
यह जानकारी देते हुए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने बताया कि 17 मार्च 2023 के राजपत्र में प्रकाशित रेग्युलेशन 4 के संशोधन में बिजली खरीदी के लागत में हुई वृद्धि के आधार पर फ्यूल सरचार्ज की गणना करने के निर्देश हैं। ऐसे में पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा जारी आदेशों में जब फ्यूल सरचार्ज शून्य से कम प्रतिशत का है तो इससे यह प्रमाणित होता है कि बिजली खरीदी के लागत में सितम्बर माह से कोई वृद्धि नहीं हुई। इसी के उल्टे बिजली कम्पनियों ने बिजली रेट 7 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव में कहा है कि इस वर्ष बिजली खरीदी में भारी खर्च होने से निर्मित आमदनी तथा खर्च के बीच के अंतर को समाप्त करने हेतु बिजली रेट बढ़ाना जरूरी है।
उपभोक्ताओं को रहा रहा आर्थिक शोषण -
मंच का कहना है कि बिजली उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण हो रहा है। मंच के रजत भार्गव, एड. वेदप्रकाश अधौलिया, डीआर लखेरा, सुशीला कनौजिया, माया कुशवाह, उमा दाहिया ने आरोप लगाया कि तथ्यहीन आधारों पर बिजली उपभोक्ताओं का शोषण कर रही है।