जबलपुर के गैलेक्सी हॉस्पिटल ने आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद मरीज से वसूले पैसे
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित मझौली के रहने वाले राहुल सिंह ठाकुर का भाग्य अच्छा है कि उनकी समस्या प्रदेश के मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंच गयी और उन्होंने उसका समाधान कर डाला वरना यहां तो हर गली में ऐसे अनेक राहुल अपनी पीड़ा लिये सरकारी चौखटों पर माथा घिस रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

- मुख्यमंत्री ने वापस कराई राशि
- अस्पताल पर लगाया अर्थदंड भी लगाया, लेकिन अफसरों से सवाल नहीं किया
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित मझौली के रहने वाले राहुल सिंह ठाकुर का भाग्य अच्छा है कि उनकी समस्या प्रदेश के मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंच गयी और उन्होंने उसका समाधान कर डाला वरना यहां तो हर गली में ऐसे अनेक राहुल अपनी पीड़ा लिये सरकारी चौखटों पर माथा घिस रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। तंत्र इस कदर बेशरम हो चुका है कि अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन को एहसान समझने लगा है। राहुल के मामले में एक अपवाद पेश करके सब अपनी पीठ थपथपा रहे हैं,लेकिन ऐसे सैकड़ों-हजारों फरियादी खून के आंसू रोने विवश हैं।
इसे अब भी इंसाफ कहा जा रहा है
करीब दो साल से युवक राहुल सिंह अपना दर्द लेकर भटक रहा था। अब जब उसके मामले का निराकरण हुआ है तो उसे इंसाफ की संज्ञा दी जा रही है। इस मामले में युवक ने गैलेक्सी अस्पताल में किडनी स्टोन का ऑपरेशन कराया था। उनके पास आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद, अस्पताल ने उनसे 41 हजार रूपये की राशि वसूल की थी। अपने साथ हुई अवैध वसूली की शिकायत लेकर युवक गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन अंधे और बहरे सिस्टम ने उसकी नहीं सुनी। इस बारे में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की और सीएम ने वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए उसका निराकरण किया।
फिर संज्ञान में लिया गया
मुख्यमंत्री की वीसी का चमत्कार है कि फिर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शिकायत को संज्ञान में लेकर जिले के सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा को जांच करने के निर्देश दिये। मामले में सीएमएचओ डॉ. मिश्रा के हस्तक्षेप पर गैलेक्सी अस्पताल ने 41 हजार रूपये की वसूली गई राशि चेक के माध्यम से राहुल सिंह ठाकुर को वापस की। गैलेक्सी अस्पताल पर 82 हजार रूपये का अर्थदंड उनकी आयुष्मान योजना की क्लेम राशि से लगाने और देर होने के कारण हितग्राही को 5 हजार रूपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करने का आदेश दिया। सीएम ने अपने प्रशासनिक अमले से नहीं पूछा कि आखिर इतने वक्त तक इस फरियादी की आवाज अनसुनी क्यों रह गयी।