1946 में खींची गई थी नोटों पर लगी गांधीजी की तस्वीर
जिस देश में नोट की पहचान ही गांधी जी की फोटो के साथ होती है। छोटी उम्र से ही बच्चे गांधीजी की फोटो को देखकर बड़े होते हैं। भले ही बदलते वक्त के साथ नोट का स्वरूप कई बार बदला हो, लेकिन गांधीजी की फोटो कभी नहीं बदली।
जिस देश में नोट की पहचान ही गांधी जी की फोटो के साथ होती है। छोटी उम्र से ही बच्चे गांधीजी की फोटो को देखकर बड़े होते हैं। भले ही बदलते वक्त के साथ नोट का स्वरूप कई बार बदला हो, लेकिन गांधीजी की फोटो कभी नहीं बदली। रिजर्व बैंक ने पहली बार गांधीजी की तस्वीर वाली नोटों को साल 1969 में पेश किया था। यह साल उनका जन्म शताब्दी वर्ष था और नोटों पर उनकी तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम भी मौजूद था। उस समय 5 और 10 रुपए के नोट पर गांधीजी की तस्वीर छपी थी। गांधीजी की यह तस्वीर अन्य करेंसी नोटों पर भी इस्तेमाल होने लगी। 1996 से आरबीआई ने सभी भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो वाली करेंसी लॉन्च की।
तत्कालीन वायसराय से मुलाकात के दौरान ली गई थी फोटो
1996 से पहले भारतीय नोटों पर अशोक स्तंभ की तस्वीर छपती थी, जिसे इसी साल आरबीआई ने गांधी जी फोटो से बदल दिया था। हालांकि, अशोक स्तंभ की तस्वीर को पूरी तरह हटाया नहीं गया था, बल्कि इन नोटों के निचले हिस्से में बाईं ओर इसे प्रिंट करना शुरू कर दिया गया। भारतीय नोटों पर जो आज गांधीजी की फोटो हम देखते हैं वो पोट्रेट के तौर पर नहीं खींची गई थी। अप्रैल 1946 में महात्मा गांधी ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड फ्रेडेरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस से मिलने उनके घर गए थे। लॉर्ड फ्रेडेरिक उस समय भारत के वायसराय हुआ करते थे। गांधीजी की यह तस्वीर उन्हीं के घर पर ली गई थी।