एक माह के भीतर समुचित निर्णय ले सरकार: हाईकोर्ट
मप्र हाईकोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता का वेयर हाउस ब्लैक लिस्टेड करने के मामले में 30 दिन के भीतर समुचित निर्णय लें।
वेयरहाउस ब्लैकलिस्ट मामला
मप्र हाईकोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता का वेयर हाउस ब्लैक लिस्टेड करने के मामले में 30 दिन के भीतर समुचित निर्णय लें। जस्टिस राजमोहन सिंह की एकलपीठ ने उक्त निर्देश दिये है।
यह मामला जबलपुर निवासी सुरभि अवस्थी की ओर से दायर किया गया था। जिसमें कहा गया था कि उनके द्वारा वेनी माधव वेयर हाउस का विगत कई वर्ष से संचालन किया जा रहा है। इस वेयर हाउस को लेकर अब तक कोई शिकायत सामने नहीं आई। ऐसा इसलिए क्योंकि विधिवत अनाज भंडारण किया जाता है। इसके बावजूद 20 फरवरी 2024 को एफसीआइ की ओर से पत्र जारी कर वेयर हाउस को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। इसका कारण वेयर हाउस के लिए सड़क की सुविधा न होने को बताया गया। इस रवैये के विरुद्ध मप्र वेयर हाउस कार्पोरेशन के एमडी को अभ्यावेदन दिया गया। लेकिन ठोस निर्णय नहीं लिया गया। जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वेयरहाउस को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई से पूर्व जांच तो दूर की बात है किसी तरह का नोटिस तक नहीं दिया गया। यह रवैया नैसर्गिक न्याय सिद्धांत के विपरीत एकपक्षीय होने के कारण भी चुनौती के योग्य है। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन व मप्र वेयर हाउस कार्पोरेशन की ओर से अपने जवाब में साफ किया गया कि याचिकाकर्ता के वेयर हाउस के विरुद्ध 2024-25 में गेहूं भंडारण को लेकर ब्लैक लिस्टेड कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके बाद न्यायालय ने जांच कर उचित कार्यवाही के निर्देश देते हुए मामले का पटाक्षेप कर दिया। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा व अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने पक्ष रखा।