हाईकोर्ट ने कहा...डॉक्टरों की हड़ताल अब गैर कानूनी नहीं, पहले देनी होगी सूचना

एमपी हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को गैरकानूनी बताने वाले मामले में राहत दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि डॉक्टर सरकार के किसी निर्णय से आहत होते हैं, तो वे हड़ताल, आंदोलन कर सकते हैं।

Dec 6, 2024 - 17:56
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हाईकोर्ट ने कहा...डॉक्टरों की हड़ताल अब गैर कानूनी नहीं, पहले देनी होगी सूचना
High Court said... doctors' strike is no longer illegal, information has to be given first

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। एमपी हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को गैरकानूनी बताने वाले मामले में राहत दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि डॉक्टर सरकार के किसी निर्णय से आहत होते हैं, तो वे हड़ताल, आंदोलन कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कोर्ट को पहले सूचना देना जरूरी होगा। 

हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बेंच ने राज्य सरकार को डॉक्टरों की लंबित मांगों को हल करने के लिए 2 सप्ताह में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने चिकित्सक महासंघ को एक हफ्ते का समय दिया है, ताकि वे अपनी सभी लंबित मांगों और सुझावों को राज्य सरकार तक पहुंचा सकें। 3 मई  2023 को चिकित्सक महासंघ के आह्वान पर राज्यभर के मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएससी और पीएचसी के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। चिकित्सक महासंघ ने राज्य सरकार से डॉक्टरों के कार्यकाल, वेतन और सुविधाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। इन मांगों का समाधान न होने पर डॉक्टर लगातार हड़ताल और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। शासकीय-स्वशासी चिकित्सा महासंघ मप्र के मुताबिक पहले हाईकोर्ट ने प्रदेश के डॉक्टरों की हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया था। साथ ही भविष्य में किसी भी टोकन स्ट्राइक के लिए कोर्ट की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने अपनी आवाज उठाने के लिए अन्य विकल्प तलाशे।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।