MP High Court :पुलिस भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव पर मांगा जवाब

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति किए जाने को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

Dec 3, 2024 - 09:59
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MP High Court :पुलिस भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव पर मांगा जवाब
High Court seeks answer on discrimination against reserved category candidates in police recruitment

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने साल 2016-17 की पुलिस आरक्षक (Police Constable) भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित 1090 पुरुष पदों में से केवल 889 पदों पर नियुक्ति किए जाने को लेकर राज्य सरकार (State government) से जवाब तलब किया है। मामले में युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को भर्ती से संबंधित सभी रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई की। 

यह है मामला

यह याचिका छठी वाहिनी जबलपुर के अभ्यर्थियों हलके भाई लोधी, संदीप साहू, विनोद वर्मा, साहिल पटेल, शुभम पटेल और रामराज पटेल की ओर से दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता लय रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि गृह विभाग ने 2016 में 14283 पुलिस आरक्षक पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें ओबीसी वर्ग के लिए 1411 पद आरक्षित थे, लेकिन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनकी च्वाइस के अनुसार जिला पुलिस बल में पदस्थ नहीं किया गया।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में समायोजित कर उनकी प्राथमिकताओं को नजरअंदाज किया गया। वहीं, उनसे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को जिला पुलिस बल, विशेष शाखा और आपराधिक शाखा जैसी प्राथमिकता वाली पोस्टिंग दे दी गई। सभी ने कोर्ट से मांग की है कि उन्हें उनकी च्वाइस के आधार पर जिला पुलिस बल में पदस्थ किया जाए।