हाईकोर्ट का फैसला: 24 सप्ताह तक की प्रेग्नेंसी पर पॉक्सो कोर्ट करेगी सुनवाई, डीएनए टेस्ट के लिए भ्रूण सुरक्षित रखने के निर्देश

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रेप पीड़िताओं के गर्भपात को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

Feb 21, 2025 - 16:49
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हाईकोर्ट का फैसला: 24 सप्ताह तक की प्रेग्नेंसी पर पॉक्सो कोर्ट करेगी सुनवाई, डीएनए टेस्ट के लिए भ्रूण सुरक्षित रखने के निर्देश
High Court's decision: POCSO court will hear cases of pregnancy up to 24 weeks, instructions to keep the fetus safe for DNA test

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रेप पीड़िताओं के गर्भपात को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इंदौर और जबलपुर बेंच की एकलपीठों द्वारा अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने स्वत संज्ञान लेते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

तीन दिन में करना होगा अबॉर्शन का निर्णय

अगर पीड़िता का गर्भ 24 सप्ताह या उससे कम अवधि का है, तो संबंधित जिले की पॉक्सो कोर्ट में मामला पेश करना होगा। पॉक्सो कोर्ट तीन दिन के भीतर गर्भपात पर फैसला लेगी। पीड़िता को बिना किसी आवेदन के मेडिकल बोर्ड भेजा जाएगा और परिजनों की अनुमति लेकर गर्भपात की प्रक्रिया करवाई जाएगी। गर्भ 24 सप्ताह से अधिक का है तो जिला कोर्ट मामला हाईकोर्ट को भेजेगा। 

स्वत संज्ञान लेकर सुनीं दलीलें-

जबलपुर और इंदौर बेंच की अलग-अलग गाइडलाइंस में विसंगति देखने को मिली थी। इस पर डिवीजन बेंच ने स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और उप-महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी व शासकीय अधिवक्ता अनुभव जैन की दलीलों को सुनने के बाद नई एसओपी जारी की। दोनों ही स्थितियों में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि डीएनए परीक्षण के लिए भ्रूण को सुरक्षित रखना जरूरी होगा, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में इसका उपयोग किया जा सके।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।