होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, खास बातों का रखें ध्यान

इस बार होलिका दहन की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिसका मुख्य कारण भद्राकाल है। दरअसल, होलिका दहन का पर्व 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे भद्रा समाप्त होने के बाद ही करना उचित होता है।

Mar 11, 2025 - 13:56
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होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, खास बातों का रखें ध्यान
Holika Dahan will be under the shadow of Bhadra

इस बार होलिका दहन की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिसका मुख्य कारण भद्राकाल है। दरअसल, होलिका दहन का पर्व 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे भद्रा समाप्त होने के बाद ही करना उचित होता है। शास्त्रों के अनुसार, भद्राकाल के दौरान कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया है। आइए जानते हैं कि इस दौरान कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और किनसे बचना चाहिए।

भद्राकाल में क्या न करें


भद्राकाल को अशुभ समय माना जाता है, इसलिए इस दौरान कुछ कार्यों से बचना चाहिए:

- इस समय घर में कोई नया निर्माण कार्य या छत डालने का कार्य न करें।
- विवाह या अन्य शुभ कार्यों को फाइनल न करें और न ही ऐसे किसी आयोजन की शुरुआत करें।
- व्यापार से जुड़े लोग इस दौरान कोई नई डील फाइनल न करें और न ही कोई महत्वपूर्ण योजना बनाएं।
- यात्रा करने से बचें, खासतौर पर धार्मिक यात्राएं या व्यवसायिक यात्राएं इस समय शुरू न करें।
- आर्थिक लेन-देन से बचें, कोई बड़ा वित्तीय निर्णय न लें।
- नया वाहन, मकान या जमीन खरीदने से परहेज करें।

भद्राकाल में क्या करें

हालांकि भद्राकाल अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ शुभ कार्य करने से लाभ मिल सकता है:

-भगवान विष्णु की पूजा और मंत्र जप करना शुभ फल देता है।
- कुल देवी-देवताओं और गुरु मंत्र का जप करें, साथ ही महामृत्युंजय मंत्र और शनि मंत्र का जप विशेष लाभकारी होता है।
- होली के अवसर पर अपनी बहन, मौसी या बुआ को उपहार दें, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- यदि इस समय किसी का अंतिम संस्कार करना पड़े, तो शास्त्रों के अनुसार, कुश के पांच पुतले बनाकर उनके साथ अंतिम संस्कार करना चाहिए, जिससे भद्रा दोष समाप्त हो जाता है।