आरोपी के घर ऐसे कैसे चल सकते हैं बुल्डोजर, राज्य सरकारों के बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी 

विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है।

Sep 2, 2024 - 15:11
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आरोपी के घर ऐसे कैसे चल सकते हैं बुल्डोजर, राज्य सरकारों के बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी 
Supreme Court expressed strong displeasure over the bulldozer action of the state governments

सुप्रीम कोर्ट ने कहा...दोषी का घर बिना तय कानून के तबाह नहीं किया जा सकता

विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या कोई किसी का भी घर सिर्फ इसलिए तबाह कर सकता है, क्योंकि वह आरोपी है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई आरोपी दोषी भी पाया जाता है तो उसका घर बिना तय कानून के तबाह नहीं किया जा सकता।
जस्टिस बीआर गवई ने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है कि वह आरोपी है? अगर वह दोषी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को बताने के बाद भी...हमें रवैये में कोई बदलाव नहीं दिख रहा। याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ में शामिल जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि किसी को भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए। पिता का बेटा अड़ियल या आज्ञा न मानने वाला हो सकता है, लेकिन अगर इस आधार पर घर गिराया जाता है, तो यह तरीका नहीं है।

कानून का उल्लंघन करने पर ही होती है कार्रवाई-

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि कानून का उल्लंघन होने पर घरों को गिराया जा रहा है। उन्होंने कहा, हम तभी कार्रवाई करते हैं जब कानून का उल्लंघन होता है। इसके जवाब में पीठ ने कहा, लेकिन शिकायतों को देखते हुए, हमें लगता है कि उल्लंघन हुआ है। न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने पूरे राज्य में अनधिकृत इमारतों को ध्वस्त करने के लिए एक दिशानिर्देश की आवश्यकता पर भी गौर किया। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, सुझाव आने दीजिए। हम अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करेंगे।

17 सितंबर को अगली सुनवाई-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह किसी भी अवैध निर्माण को संरक्षण नहीं देगा। हम पूरे देश के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करने पर विचार कर रहे हैं। मामले की सुनवाई 17 सितंबर को तय की गई। दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की।