महाराष्ट्र में जिन सीटों पर ज्यादा मुस्लिम, वहां कैसे बीजेपी ने मारी बाजी

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत का श्रेय सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को दिया जा रहा है लेकिन एक महत्वपूर्ण कारक मुस्लिम वोटों का विभाजन रहा है, जिसने राज्य की 38 सीटों में से एक बड़ा हिस्सा सत्तारूढ़ गठबंधन को दिलाया है।

Nov 26, 2024 - 16:02
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महाराष्ट्र में जिन सीटों पर ज्यादा मुस्लिम, वहां कैसे बीजेपी ने मारी बाजी
How did BJP win in those seats in Maharashtra where there are more Muslims?

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत का श्रेय सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को दिया जा रहा है लेकिन एक महत्वपूर्ण कारक मुस्लिम वोटों का विभाजन रहा है, जिसने राज्य की 38 सीटों में से एक बड़ा हिस्सा सत्तारूढ़ गठबंधन को दिलाया है। इन 38 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से ज्यादा है, जो चुनाव परिणामों में अहम भूमिका निभाती है।

सत्तारूढ़ गठबंधन ने इन 38 सीटों में से 22 सीटें जीती हैं, जो विपक्षी महा विकास अघाड़ी की जीती गई 13 सीटों से काफी आगे है। वोटों के बंटवारे के कारण कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। पार्टी का प्रदर्शन 11 सीटों से घटकर केवल 5 सीटों तक पहुंच गया। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को 6 सीटें मिलीं, जबकि शरद पवार के एनसीपी गुट को 2 सीटें हासिल हुईं। वहीं, 38 सीटों में से बीजेपी ने 2019 में मिलीं अपनी 11 सीटों से बढ़ाकर 14 कर ली है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने छह सीटें और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने दो सीटें जीती हैं। बाकी बची तीन सीटों में से समाजवादी पार्टी को दो और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को सिर्फ एक सीट मिली है। 

किसी मौलाना-मौलवी बेअसर-

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि तमाम मौलाना और मौलवी मुस्लिम समुदाय के सामूहिक निर्णय पर अपना प्रभाव डालने में असफल रहे हैं। वहीं वरिष्ठ बीजेपी नेता विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि एक हैं तो सेफ हैं नारे में सभी समुदाय शामिल हैं। उन्होंने कहा, लोग तुष्टिकरण और धु्रवीकरण की राजनीति के बहकावे में नहीं आए और विकास के लिए वोट देने के लिए एकजुट हुए। 

नवाब और जीशान भी हारे-

मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सलीम सारंग ने कहा कि तुष्टिकरण के लिए कोई जगह नहीं थी, यहां के लोग विकास और लाभ को देखते हैं। हारने वाले बड़े मुस्लिम नामों में एनसीपी के नवाब मलिक और जीशान सिद्दीकी के साथ कांग्रेस के आरिफ नसीम खान भी शामिल हैं। 

बंट गए मुस्लिम वोट-

औरंगाबाद पूर्व में एआईएमआईएम के राज्य प्रमुख और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील बीजेपी के अतुल सावे से 2,161 वोटों के अंतर से हार गए। वीबीए के अफसर खान (6,507 वोट) और सपा के अब्दुल गफ्फार सैयद (5,943 वोट) ने मुस्लिम वोटों को बांट दिया, जिसके कारण इम्तियाज जलील की हार हुई।

एमआईएम को सिर्फ एक सीट-

एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल मालेगांव सेंट्रल सीट पर केवल 162 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की, जहां उसके उम्मीदवार मुफ्ती इस्माइल ने यह जीत दर्ज की। यह पूरे राज्य में सबसे कम वोटों के अंतर से जीत रही सीट है। वहीं, भिवंडी पश्चिम में बीजेपी के महेश चौगुले ने सपा के रियाज आजमी को 31,293 वोटों के बड़े अंतर से हराया। दरअसल, मुसलमानों ने अपने वोट एआईएमआईएम के वारिस पठान (15,800 वोट) और निर्दलीय उम्मीदवार विलास पाटिल (31,579 वोट) के बीच बांट दिए।