कैसे आकार लेगा दुनिया का पहला कंट्रोल्ड अर्बन हाईवे द लूप
क्लाइमेट चेंज की वजह से हमें कई सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बेमौसम बरसात, अधिक गर्मी, अधिक ठंडी। इन सब के कारण पूरा सिस्टम ही बिगड़ा हुआ है। क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों के बीच दुबई में दुनिया का पहला सस्टेनेबल क्लाइमेट कंट्रोल्ड अर्बन हाईवे बनाने पर काम चल रहा है।
क्लाइमेट चेंज की वजह से हमें कई सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बेमौसम बरसात, अधिक गर्मी, अधिक ठंडी। इन सब के कारण पूरा सिस्टम ही बिगड़ा हुआ है। क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों के बीच दुबई में दुनिया का पहला सस्टेनेबल क्लाइमेट कंट्रोल्ड अर्बन हाईवे बनाने पर काम चल रहा है। यह हाईवे 93 किमी लंबा होगा और इसमें सिर्फ साइकिलिंग करने वाले और पैदल चलने वाले ही सफर कर सकेंगे। इसके बनने के बाद दुबई मोस्ट कनेक्टेड सिटी ऑन अर्थ बन जाएगी। इसे इस तरह से डेवलप किया जाएगा कि यहां के 30 लाख लोग 20 मिनट में हॉस्पिटल, स्कूल, मॉल्स, और ग्रॉसरी जैसी सभी जगहों पर पैदल या साइकिलिंग की मदद से जा सकेंगे। यह प्रोजेक्ट यूआरबी स्टूडियों का है। इससे जुड़े आर्किटेक्ट का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का मकसद है कि 2040 तक दुबई के लगभग 80 फीसदी रहवासी कारों के स्थान पर पैदल चल या साइकिलिंग का उपयोग करें।
पूरी तरह से पैक और क्लाइमेट कंट्रोल्ड होगा द लूप हाईवे-
द लूप हाईवे का स्ट्रक्चर स्नैक की तरह होगा। ये पूरी तरह से क्लोज्ड व क्लाईमेड कंट्रोल्ड होने के साथ पूरी तरह पर्यावरण हितैषी होगा। इसके आसपास पौधे और पानी के पूल भी बनाए जाएंगे। यहां कई वेलनेस सेंटर और होटल बनाए जाने की योजना है। हाईवे पर ऐसे प्लेट लगाए जाएंगे, जो यहां दौड़ने व चलने वालों की काइनेटिक एनर्जी को स्टोर करेंगी और इसी एनर्जी को अलग रूप में कनवर्ट किया जाएगा। इस काईनेटिक एनर्जी से ही इलेक्ट्रिसिटी पैदा की जाएगी। सेंसर की मदद से जाना जा सकेगा कि एक समय में यहां कितने लोग मौजूद थे और कितनी एनर्जी पैदा की है। इस प्रोजेक्ट से शून्य कार्बन उत्सर्जन होगा।
ये होंगे फायदे-
- शून्य फीसदी कार्बन उत्सर्जन होगा इस प्रोजेक्ट से
- 93 किलोमीटर लंबा होगा द लूप हाईवे
- 100 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी पर करेगा काम