कटंगी की तुल्ला बाबा पहाड़ी पर मिले अवशेषों की जांच रिपोर्ट में सिर्फ 5 ही गौवंश  निकले, जांच के विरोध में कटंगी बंद

Jun 28, 2024 - 16:50
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कटंगी की तुल्ला बाबा पहाड़ी पर मिले अवशेषों की जांच रिपोर्ट में सिर्फ 5 ही गौवंश  निकले, जांच के विरोध में कटंगी बंद
कटंगी की तुल्ला बाबा पहाड़ी पर मिले अवशेषों की जांच रिपोर्ट में सिर्फ 5 ही गौवंश  निकले, जांच के विरोध में कटंगी बंद

जबलपुर के कटंगी की तुल्ला बाबा पहाड़ी पर मिले मवेशियों के अवशेष का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। मौके पर कुल 57 मवेशियों के अवशेष मिले, जिसकी जांच-पड़ताल की गई। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में 57 में से सिर्फ 5 अवशेष ही गौवंश के निकले। इस बात से नाराज हिन्दूवादी संगठनों ने कटंगी बंद का आह्वान किया। शुक्रवार सुबह से ही कटंगी के बाजारों की सड़कों पर हिन्दूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने दुकानें बंद कराईं और जिला प्रशासन के साथ दोषियों के खिलाफ भी नारेबाजी की। हिन्दूवादी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि जांच रिपोर्ट सरासर झूठी है। हम इसको नहीं मानते। इसके अलावा आक्रोशित लोगों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात भी दोहराई। 
आईए...आपको बताते हैं कि दरअसल मामला क्या है। जबलपुर के कटंगी की तुल्ला बाबा पहाड़ी पर मिले मवेशियों के अवशेष की जांच की गई। जांच के अनुसार मृत जानवरों की कुल संख्या 57 है। सभी अवशेष डेढ़-दो माह से लेकर सवा दो वर्ष तक पुराने बताए गए। इनमें से सिर्फ पांच ही गौवंश अवशेष के हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि तीन पसली अवशेषों को देखकर यह प्रतीत होता है कि उन्हें धारदार हथियार से काटा गया है, परन्तु यह स्पष्ट नहीं होता है कि उक्त पसली गौवंश की है। यह साक्ष्य भी नहीं मिले कि मौके पर जानवरों को अवैध ढंग से काटा जाता रहा है। ये भी प्रमाणित नहीं हो सका कि वहां मृत जानवरों को लाकर फेंका जाता रहा है। एक अनुमान पेश किया गया है कि इस दुर्गम पहाड़ी में जंगली जानवर विचरण करते हैं और मरने के बाद उनके अवशेष पड़े रहते हैं और ये अवशेष उन्हीं जानवरों के हैं।
दोबारा अवशेष मिलने से गहराया संदेह-
कटंगी की तुल्ला पहाड़ी में जानवरों के अवशेष मिलने पर ज्यादा हंगामा इसलिए किया गया, क्योंकि कुछ दिन पहले 23 जून को भी यहां अवशेष मिल थे और गिरफ्तारियां हुई थीं। खबर मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता सक्रिय हो गये और दल की शिकायत पर ही जांच शुरु की गयी। 23 जून वाले मामले में कटंगी थाना पुलिस ने इस मामले में नज़ीर खान, आदिल खान, अब्दुल रहीम, सरफराज कंजा और ज़हीर मंसूरी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि बछड़े का वध करने के बाद उन्होंने सिर को खेत में फेंक दिया था। पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। पुलिस इस मामले से कड़ी जोड़ रही है। इसके बाद बुधवार यानी 26 जून को एक चरवाहे ने इन अवशेषों को देखा और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सूचना दी। बड़ी संख्या में पहुंचे बजरंग दल और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने अवशेषों को इकठ्ठा किया। इधर बजरंग दल के दर्जनों कार्यकर्ता जबलपुर से कटंगी पहुंच गए। खबर लगते ही पुलिस के उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और जांच प्रक्रिया शुरु की। 
मौके पर पहुंचे कलेक्टर-
जांच रिपोर्ट आने के बाद हिन्दूवादी संगठनों के कटंगी बंद और हंगामे की खबर लगते ही कलेक्टर दीपक सक्सेना भी मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों से बातचीत कर उन्हें पूरा मामला समझाने की कोशिश की। इस दौरान दो-तीन घंटे बंद रहे कटंगी में आम लोग परेशान रहे। काफी मान-मनोव्वल के बाद नाराज लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, तब कटंगी क्षेत्र की कुछ दुकानें खुलना शुरू हुई। 

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।