Jabalpur news सोयाबीन तेल में लगी आग 

खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि ने त्योहारों के मौसम में घरेलू बजट पर असर डाला है। जिससे आम उपभोक्ता के घरों की रसोई का जायका बिगड़ने लगा है। सोयाबीन (Soyabeen) तेल के दामों में लगातार उछाल के पीछे फूड ग्रेड ऑयल में इंपोर्ट ड्यूटी को भी बड़ी वजह माना जा रहा है ।

Sep 22, 2024 - 14:01
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Jabalpur news सोयाबीन तेल में लगी आग 
Increase in prices of mustard oil, soya refined and palm refined

किसान आंदोलन के बीच सोयाबीन तेल की कीमत 5 दिन में 100 रुपये लीटर से बढ़कर 125 रुपए लीटर हो गई हैं।खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि ने त्योहारों के मौसम में घरेलू बजट पर असर डाला है। जिससे आम उपभोक्ता के घरों की रसोई का जायका बिगड़ने लगा है।खाद्य तेलों के दाम (Price) में आयी इस उछाल की कई वजहें हैं, जिनमें प्रमुख कारण केंद्र सरकार द्वारा बेसिक इंपोर्ट टैक्स (Import duty) में 20 फीसदी की बढ़ोतरी है। इसके प्रभाव से सरसों तेल,सोया रिफाइंड और पाम रिफाइंड के दाम में वृद्धि देखने को मिली है,जिससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ा है।

आगामी दिनों में बढेंगे दाम (Price)

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसका असर आने वाले दिनों में लोगों की जेब पर पड़ सकता है।माना जा रहा है कि सोयाबीन (Soyabeen) के दाम बढ़ने से किसानों को तो फायदा होगा पर आम आदमी को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है।

क्यों बढ़ रहे सोयाबीन (Soyabeen) तेल के दाम?

दरअसल,सोयाबीन (Soyabeen) तेल के दामों में लगातार उछाल के पीछे फूड ग्रेड ऑयल में इंपोर्ट ड्यूटी को भी बड़ी वजह माना जा रहा है. हाल ही में फूड ग्रेड ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 5.5 प्रतिशत बढ़ाया गया है,जो 23 प्रतिशत से बढकर 27.5 प्रतिशत हो गई है. इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से सोयाबीन तेल के दाम 25 से 30 रु प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं।कारोबारियों का कहना है कि सोयाबीन (Soyabeen) के दामों में वृद्धि के साथ इंपोर्ट ड्यू़टी बढ़ने से सोयबीन तेल के रेट बढ़ रहे हैं।वर्तमान समय में ज्यादा फूड इंडस्ट्री बीज खरीदकर उससे उत्पादन करने की जगह बाहर से तेल इंपोर्ट कर उसे प्रॉसेस कर रही हैं।