पहलगाम आतंकी हमला: सरकारी अपील के बाद भी आपदा में अवसर तलाश रहीं एविएशन कंपनियां, टिकिटों के बढ़े दामों ने किया परेशान 

आपदा को अवसर में बदलते हुए श्रीनगर से देश के अन्य हिस्सों के लिए फ्लाइट टिकट के दाम कई गुना बढ़ा दिए।

Apr 24, 2025 - 15:19
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पहलगाम आतंकी हमला: सरकारी अपील के बाद भी आपदा में अवसर तलाश रहीं एविएशन कंपनियां, टिकिटों के बढ़े दामों ने किया परेशान 
Increased ticket prices are troubling them

आतंकियों ने एक कायराना हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस मुश्किल घड़ी में स्थानीय लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की। कश्मीर के होटल मालिकों, ऑटो-टैक्सी चालकों, पोनी सेवाएं देने वालों और ढाबा संचालकों ने फंसे हुए पर्यटकों से किसी भी सेवा के बदले पैसे नहीं लिए। होटल वालों ने मुफ्त में भोजन कराया, टैक्सी और ऑटो चालकों ने यात्रियों को बिना किराया लिए उनके गंतव्य तक पहुंचाया, और पोनी वालों ने भी निःशुल्क सेवा दी।

लेकिन इसके उलट एविएशन कंपनियों का रवैया निराशाजनक रहा। उन्होंने इस आपदा को अवसर में बदलते हुए श्रीनगर से देश के अन्य हिस्सों के लिए फ्लाइट टिकट के दाम कई गुना बढ़ा दिए। इस पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और डीजीसीए को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कंपनियों को चेतावनी दी। हालांकि इसका असर थोड़े समय के लिए ही देखने को मिला, क्योंकि कुछ ही समय बाद फिर से किराये में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

पर्यटकों के लिए मुसीबत बन गया सफर

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में फंसे पर्यटकों को अपने घर लौटने के लिए भारी खर्च उठाना पड़ रहा है। फ्लाइट टिकटों की कीमतें आसमान छू रही हैं। माना जा रहा है कि टिकटों की भारी मांग इसकी प्रमुख वजह है। एयरलाइन कंपनियों की वेबसाइट पर टिकट सर्च करने पर या तो बहुत ऊंचे दाम नजर आते हैं या फिर 'सभी टिकट बिक चुकी हैं' जैसे मैसेज दिखाई देते हैं। अगर कोई आज की तारीख में टिकट बुक करने की कोशिश करता है, तो उसे संदेश मिलता है—'उड़ान प्रस्थान के बहुत करीब है,' 'सभी सीटें बुक हो चुकी हैं,' या 'कोई फ्लाइट उपलब्ध नहीं है।'

आज के फ्लाइट टिकट की कीमत

गुरुवार, 24 अप्रैल को शाम 6:40 बजे श्रीनगर से दिल्ली जाने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट का इकोनॉमी क्लास का किराया 29,758 रुपये तक पहुंच गया है। यह जानकारी ट्रैवल साइट इक्सिगो पर सर्च करने पर सामने आई। वहीं, शुक्रवार 25 अप्रैल को इसी समय और रूट की स्पाइसजेट फ्लाइट के लिए इकोनॉमी क्लास का टिकट 24,662 रुपये में दिख रहा है। इसके अलावा, शुक्रवार सुबह 10:15 बजे उड़ने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट का किराया भी लगभग यही — 24,662 रुपये — दिखाया जा रहा है।

मंत्री रख रहे हैं हालात पर नजर

श्रीनगर से उड़ानों की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने विमानन कंपनियों को सख्त संदेश दिया है। उनके कार्यालय की ओर से कहा गया है कि मंत्री हालात की लगातार निगरानी कर रहे हैं और जरूरतों को पूरा करने के लिए चौबीसों घंटे सक्रिय हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्थिति को देखते हुए दिल्ली और मुंबई के लिए दो-दो अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था की है। साथ ही, मंत्रालय एयरलाइनों के साथ संपर्क में है ताकि जरूरत पड़ने पर और भी उपाय किए जा सकें।

डीजीसीए ने भी दी थी सलाह

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद घर लौटने की कोशिश कर रहे पर्यटकों की बढ़ती मांग को देखते हुए एयरलाइनों को जरूरी कदम उठाने की सलाह दी थी। DGCA ने एयरलाइंस से कहा था कि वे उड़ानों की संख्या बढ़ाएं और श्रीनगर से देश के विभिन्न शहरों के लिए सुचारू कनेक्टिविटी सुनिश्चित करें, ताकि फंसे हुए यात्रियों को जल्द से जल्द निकाला जा सके। इसके साथ ही, एयरलाइनों से अनुरोध किया गया है कि वे टिकट रद्द करने और पुनर्निर्धारण (rescheduling) पर लगने वाले शुल्क को माफ करने पर विचार करें और इस संकट के समय यात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान करें।

कश्मीरी लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ

हमले से बाल-बाल बचे कई पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर कश्मीरी लोगों और स्थानीय कारोबारियों द्वारा की गई मदद के किस्से साझा किए हैं। वे बता रहे हैं कि होटल और ढाबे वाले फंसे हुए यात्रियों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं। वहीं, ऑटो और टैक्सी चालक भी पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए कोई किराया नहीं ले रहे। इस मानवीय प्रयास में गुरुद्वारे भी आगे आकर जरूरतमंदों की खुलकर सहायता कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रीनगर में हवाई किरायों में भारी वृद्धि को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि त्रासदी के समय पर्यटकों से मनमाना किराया वसूलना अमानवीय और निंदनीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस मामले में सरकार की कोई ज़िम्मेदारी बनती है या नहीं, क्योंकि किराये से जुड़ा टैक्स सरकार को ही जाता है। ऐसे में जनता को यह लगना स्वाभाविक है कि यह सब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है।