एशिया पावर इंडेक्स में इंडिया तीसरा सबसे ताकतवर देश

एशिया पावर इंडेक्स में भारत तीसरा सबसे ताकतवर देश बन गया है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत के तेज आर्थिक विकास, युवा जनसंख्या, अर्थव्यवस्था का विस्तार, की वजह से भारत की स्थिति बेहतर हुई है।

Sep 25, 2024 - 16:31
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एशिया पावर इंडेक्स में इंडिया तीसरा सबसे ताकतवर देश
India is the third most powerful country in Asia Power Index

एशिया पावर इंडेक्स में भारत तीसरा सबसे ताकतवर देश बन गया है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत के तेज आर्थिक विकास, युवा जनसंख्या, अर्थव्यवस्था का विस्तार, की वजह से भारत की स्थिति बेहतर हुई है। साथ ही ये भारत की दुनिया में बढ़ती साख को भी दर्शाता है। 

जापान को छोड़ा पीछे-

एशिया पावर इंडेक्स के मुताबिक, भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए एशिया के तीसरे सबसे ताकतवर देश का दर्जा हासिल कर लिया है। यह दुनियाभर में भारत की वैश्विक स्थिति में वृद्धि को दर्शाता है। एशिया पावर इंडेक्स की शुरुआत साल 2018 में लॉवी इंस्टीट्यूट द्वारा की गई थी। इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में हर साल ताकतवर देशों की एक सूची तैयार की जाती है। इसमें एशिया प्रशांत के 27 देशों की स्थिति का आकलन किया जाता है। 

भारत की बढ़ती साख के कई कारण-

मंत्रालय के मुताबिक, क्षेत्रीय ताकतों की सूची में भारत की स्थिति में सुधार हो रहा है, और इसका मुख्य कारण देश का आर्थिक विकास है। भारत ने कोरोना महामारी के बाद एक मजबूत आर्थिक रिकवरी की है, जिसके चलते उसकी आर्थिक क्षमताएं 4.2 अंकों से बढ़ी हैं। देश की बड़ी जनसंख्या इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, और भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके आलावा भारत को अपने क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों, चीन और जापान की तुलना में जनसांख्यिकी का लाभ मिला है। जहां चीन और जापान बुजुर्ग होती जनसंख्या की समस्या का सामना कर रहे हैं, वहीं भारत की युवा आबादी आने वाले दशकों में आर्थिक विकास को बल प्रदान करेगी। भारत की कूटनीतिक ताकत भी क्वाड और विभिन्न वैश्विक संगठनों में इसकी सक्रियता के कारण बढ़ी है। एशिया पावर इंडेक्स में किसी देश की ताकत का आकलन उसकी आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक क्षमताओं, भविष्य के संसाधनों, आर्थिक साझेदारियों, रक्षा नेटवर्क और सांस्कृतिक प्रभाव के आधार पर किया जाता है।