बाफ्टा अवॉर्ड 2025 में भारतीय फिल्मों को मिली निराशा 

ब्रिटिश एकेडमी फिल्म अवॉर्ड्स (बाफ्टा) 2025 की घोषणा हो चुकी है, जिसमें 'कॉन्क्लेव' और 'द ब्रूटलिस्ट' ने चार-चार पुरस्कार जीतकर प्रमुखता हासिल की है। 'कॉन्क्लेव' ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, उत्कृष्ट ब्रिटिश फिल्म, अनुकूलित पटकथा और संपादन में पुरस्कार जीते, जबकि 'द ब्रूटलिस्ट' ने निर्देशन, मुख्य अभिनेता, सिनेमैटोग्राफी और मूल संगीत में सम्मान प्राप्त किए। 

Feb 17, 2025 - 14:52
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बाफ्टा अवॉर्ड 2025 में भारतीय फिल्मों को मिली निराशा 
Indian films disappointed at BAFTA Awards 2025

ब्रिटिश एकेडमी फिल्म अवॉर्ड्स (बाफ्टा) 2025 की घोषणा हो चुकी है, जिसमें 'कॉन्क्लेव' और 'द ब्रूटलिस्ट' ने चार-चार पुरस्कार जीतकर प्रमुखता हासिल की है। 'कॉन्क्लेव' ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, उत्कृष्ट ब्रिटिश फिल्म, अनुकूलित पटकथा और संपादन में पुरस्कार जीते, जबकि 'द ब्रूटलिस्ट' ने निर्देशन, मुख्य अभिनेता, सिनेमैटोग्राफी और मूल संगीत में सम्मान प्राप्त किए। 


मुख्य अभिनेता का पुरस्कार 'द ब्रूटलिस्ट' में अपने प्रदर्शन के लिए एड्रियन ब्रॉडी को मिला, जबकि 'अनोरा' में अपनी भूमिका के लिए माइकी मैडिसन ने मुख्य अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। सहायक भूमिकाओं में, कीरन कल्किन ('अ रियल पेन') और जो सलदाना ('एमिलिया पेरेज') ने क्रमशः पुरुष और महिला श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए। 


भारतीय फिल्म 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट', जिसे 'सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी भाषा के अलावा फिल्म' श्रेणी में नामांकन मिला था, पुरस्कार जीतने से चूक गई। इस श्रेणी में स्पेनिश क्राइम-म्यूजिकल 'एमिलिया पेरेज' ने जीत हासिल की। 


अन्य उल्लेखनीय विजेताओं में 'नीकैप' ने उत्कृष्ट डेब्यू का पुरस्कार जीता, जबकि 'वालिस एंड ग्रोमिट: वेन्जेंस मोस्ट फाउल' ने सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म का सम्मान प्राप्त किया। इसके अलावा, अभिनेता वारविक डेविस को बाफ्टा फैलोशिप से सम्मानित किया गया। इस वर्ष के बाफ्टा पुरस्कार समारोह में भारतीय सिनेमा के लिए निराशा रही, क्योंकि 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट' पुरस्कार जीतने में सफल नहीं हो पाई।

पायल कपाड़िया के निर्देशन में बनी 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट' को इसकी संवेदनशील कहानी और बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी के लिए काफी सराहा गया है। 'बाफ्टा' में इस फिल्म का नॉमिनेशन मिलना भारतीय सिनेमा के लिए एक अहम अवसर था। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार में नामांकन पाने वाली सातवीं भारतीय फिल्म है।

गौरतलब है कि पिछले एक दशक में, इरफान खान की 'द लंचबॉक्स' के बाद यह पहली भारतीय फिल्म थी जिसे बाफ्टा में नॉमिनेशन मिला था, जिससे यह और भी खास बन जाती है।