नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार के आरोपों की जांच कर करो कार्रवाई: हाईकोर्ट

नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की प्रिंसिपल बेंच में जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ के समक्ष हुई।

Nov 15, 2024 - 15:50
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नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार के आरोपों की जांच कर करो कार्रवाई: हाईकोर्ट
Investigate the allegations of Nursing Council Registrar and take action: High Court

जिन कॉलेजों के पास नहीं ख़ुद का अस्पताल उन्हें भी मिली राहत 

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। 

नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की प्रिंसिपल बेंच में जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ के समक्ष हुई। अनेक नर्सिंग कॉलेजों की ओर से याचिका पेश कर आग्रह किया गया था की वे  2013 वर्ष के पूर्व से संचालित कॉलेज हैं,जिन्हें सरकारी अस्पताल में मिली संबद्धता के आधार पर सदैव मान्यता प्रदान की जाती थी किंतु इस वर्ष अचानक नर्सिंग काउंसिल द्वारा उन्हें मान्यता हेतु आवेदन करने से रोक दिया गया है था। स्वयं के 100 बिस्तरीय अस्पताल न होने के कारण उन्हें मान्यता से वंचित होना पड़ रहा है। 

इस पर उच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकार ने जवाब प्रस्तुत कर कहा है कि नर्सिंग शिक्षण संस्थान मान्यता नियम 2018 के प्रावधनों के अनुसार 100 बिस्तर के स्वयं के अस्पताल अथवा संबद्ध अस्पताल के बगैर किसी संस्थान को मान्यता नहीं दी जा सकती संस्थाओं के इतने वर्षों के संचालन को दृष्टिगत रखते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें इस सत्र में पूर्ववत व्यवस्था के आधार पर सरकारी अस्पताल की संबद्धता के आधार पर मान्यता प्रक्रिया में सम्मिलित करने के आदेश दिए हैं 

रजिस्ट्रार पर आरोपों की जाँच करो-

याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत किये गए आवेदन जिसमें नर्सिंग काउंसिल की वर्तमान रजिस्ट्रार अनीता चाँद के विरुद्ध आरोप लगाए गए थे की उनके द्वारा अनसूटेबल नर्सिंग कॉलेज का निरीक्षण कर सूटेबल दर्शाया जा कर मान्यता प्रदान कराई गई थी उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करते हुए उन्हें रजिस्ट्रार बना दिया गया है इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के आरोपों की जांच कर तत्काल कार्रवाई की जाए

फैसले तक न हो बदलाव -

आज की सुनवाई में हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से महाधिवक्ता को कहा है कि पीआईएल लंबित रहने तक सरकार के द्वारा नियमों में व्यवस्था में किए गए किसी भी प्रकार के बदलाव नहीं किए जाएँ ।  हाईकोर्ट की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि नर्सिंग एवं पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की संबद्धता का नियंत्रण जो कि सरकार ने अधिनियम में संशोधन करते हुए क्षेत्रीय विश्वविद्यालय को सौंप दी थी वह सत्र 2024 25 में लागू नहीं हो सकेगा।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।