जबलपुर से फ्लाइट संचालित करना महंगा
मध्य प्रदेश के जबलपुर की सीमित हवाई कनेक्टिविटी को लेकर दायर जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में पक्षकार बनाई गई निजी विमानन कंपनियों ने अदालत में अपना जवाब पेश किया।

निजी विमानन कंपनियों ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाल
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर की सीमित हवाई कनेक्टिविटी को लेकर दायर जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में पक्षकार बनाई गई निजी विमानन कंपनियों ने अदालत में अपना जवाब पेश किया। निजी एयरलाइंस कंपनियों ने जबलपुर एयरपोर्ट पर अधिक शुल्क वसूली को फ्लाइट संचालन में मुख्य बाधा बताया। कंपनियों ने तर्क दिया कि जबलपुर में एयरलाइन टर्मिनल फीस और यूजर डेवलपमेंट फीस अन्य एयरपोर्ट की तुलना में अधिक है, जिससे नए विमानों का संचालन महंगा हो जाता है।
कंपनियों ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा विभिन्न मदों में वसूले जाने वाले शुल्क के कारण वे नई फ्लाइट शुरू करने में हिचक रही हैं। निजी कंपनियों के जवाब पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मामले में मध्य प्रदेश सरकार को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से पूछा है कि क्या जबलपुर एयरपोर्ट पर विमानन कंपनियों से ली जाने वाली फीस में कटौती की जा सकती है?हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है और अगली सुनवाई 15 मार्च को निर्धारित की है। यह मामला जबलपुर की हवाई कनेक्टिविटी सुधारने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शहर से सीमित उड़ानों के कारण यात्रियों को अन्य शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है।