Jabalpur News :प्रदूषण का गुनाह सिर्फ किसान पर थोपना ठीक नहीं: मिश्र
अखिल भारतीय किसान संघ के महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र कहना है कि जिस तरह से किसान को पराली जलाने पर देश भर के प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है,वो न केवल दुःखद है, बल्कि देश के अन्नदाता पर अत्याचार है। प्रदूषण के लिए औद्योगिक घरानों को कटघरे में खड़ा करने के बजाए निरीह कृषक की छवि खराब करना देश के भविष्य के लिये अच्छा नहीं है।
जबलपुर प्रवास के दौरान मिश्र ने कहा कि यदि किसानों को बेवजह पराली जलाने को लेकर प्रताड़ित किया गया तो देश भर का किसान सड़क पर उतरेगा। प्रदूषण (pollution) को कम करना सबकी जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा करते हुए तथ्यों को नजरअंदाज करना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि देश में औद्योगिक प्रदूषण की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत, वाहनों से 27 प्रतिशत है। इससे साफ है कि प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं। किसान भी प्रदूषण रोकने के प्रयासों के साथ है बशर्तें उसे समय पर उचित उपायों के प्रशिक्षण, सलाह, साधन-संसाधन मुहैया कराएं जाएं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि थर्मल पावर प्लांट (Thermal power plants) पराली जलाने की तुलना में 240 गुना अधिक वायु प्रदूषण पैदा करते हैं। किसानो को खाद, बीज, बिजली, पानी जैसी कृषि की मूलभूत आवश्यकताओं के लिये सड़कों पर संघर्ष करना पड़ रहा है। श्री मिश्र ने कहा कि गुणवत्तायुक्त खाद व बीज समय पर उपलब्ध न होना, कालाबाजारी (Black marketing) के चलते किसान का फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है। जिसकी जिम्मेदारी कोई लेने तैयार नहीं है। यह स्थिति किसान कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिये ठीक नहीं है।
किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल रही बिजली
किसानों को 10 घंटे बिजली नहीं दे पा रहे है। जो देश के भरण पोषण के लिये अन्न पैदा कर रहा है। जबकि उद्योगों को 24 घण्टे बिजली दी जा रही है और जो प्लांट धुएं के रूप में जहर उगल रहे हैं। सिर्फ पराली जलाने पर किसान पर एफआईआर दर्ज करना कैसा न्याय है। थर्मल पावर प्लांटों से किसान के खेत कोल डस्ट से बंजर हो रहे हैं। कटनी का माईन्स एरिया, घंसौर सिवनी व सिंगरौली पावर प्लांट इसके उदाहरण हैं।
किसानों को मिला अधिवक्ताओं का साथ
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट महाधिवक्ता कार्यालय में आयोजित अधिवक्ता व किसान संवाद कार्यक्रम में महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि किसान अपनी मेहनत से अन्न उपजा कर देश का भरण पोषण कर रहा है। लेकिन कुछ लोगों का किसान के प्रति सोच को समाज स्वीकार नहीं करेगा। अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री रूपराह ने आश्वस्त किया कि हाइ कोर्ट के अधिवक्ता किसानो के हर संघर्ष में उनके साथ है। उप महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने किसानों का अभीनंदन व स्वागत किया।
कलेक्टर के रवैए से किसान नाराज
महामंत्री मिश्र ने कहा कि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसियेशन की अपील कि पराली जलाने वाले किसान की पैरवी नहीं करेंगे। इसके तुरंत बाद कलेक्टर का आदेश की पराली जलाने वाले किसान पर एफ आई आर होगी। कहीं न कहीं यह संयोग कलेक्टर की कार्य प्रणाली को लेकर संदेह जन्म देती है। प्रशासन के मुखिया के नाते किसान की समस्या को सुनना और निदान करना उनकी जिम्मेदारी है।
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से की मुलाकात
किसान संघ के महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह मुलाकात की। किसानों के विभिन्न विषयों, कृषि नीतियों पर चर्चा की।