जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा...झूठ बोलकर शादी करना धोखा नहीं
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि शैक्षणिक योग्यता को लेकर बोले गए झूठ को ना तो धोखेबाजी माना जायेगा और ना ही इसे तलाक का आधार माना जायेगा। उल्टे याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया गया।
याचिकाकर्ता पति पर ठोंका जुर्माना, तलाक की अर्जी भी खारिज
जबलपुर।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि शैक्षणिक योग्यता को लेकर बोले गए झूठ को ना तो धोखेबाजी माना जायेगा और ना ही इसे तलाक का आधार माना जायेगा। उल्टे याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया गया।
हाईकोर्ट के जज जीएस अहलूवालिया की पीठ के समक्ष पति की याचिका प्रस्तुत हुई कि उसकी पत्नी 10 वीं पास है लेकिन बताया गया कि 12 वीं पास है। कटनी निवासी युवक ने याचिका में कहा कि पत्नी और उसके मायके के सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक से पुलिस अधीक्षक कटनी, महिला थाना सहित सभी जगह शिकायत की पर कार्रवाई नहीं हुई। अदालत ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम का कोई भी प्रावधान विवाह या तलाक देने की अनुमति नहीं देता। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की मांग भी की, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया।
तलाक के लिये तथ्य नाकाफी-
कोर्ट ने कहा कि वादी की ओर से कुछ चरित्र हनन के आरोप लगाए गए जिसका कोई आधार नहीं बताया गया। पुलिस अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जो मानहानि का केस करने के लिए स्वतंत्र हैं। अदालत ने टिप्पणी की, शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी के आधार पर किया गया कोई भी हिंदू विवाह अधिनियम की परिभाषा के तहत शून्य या अमान्य विवाह नहीं होगा।