जबलपुर ने 131 शहरों को छोड़ा पीछे, दूसरी बार हासिल किया स्वच्छ वायु सिटी का ताज
वायु गुणवत्ता में सुधार के मामले में जबलपुर ने देश के 131 शहरों को पीछे छोड़ दिया है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरी बार स्वच्छ वायु सिटी का ताज हासिल किया है।
वायु गुणवत्ता में सुधार के मामले में जबलपुर ने देश के 131 शहरों को पीछे छोड़ दिया है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरी बार स्वच्छ वायु सिटी का ताज हासिल किया है।
धूल का स्तर किया कम
इस उपलब्धि पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि शहर की बदहाल सडक़ों के निर्माण, उद्यानों के विकास, पौधरोपण, फुटपाथ निर्माण व निर्माण साइट पर पानी का छिडक़ाव कर धूल का स्तर कम किया। उन्होंने बताया कि सात सितंबर को राजस्थान के जयपुर में जबलपुर नगर निगम को सम्मानित किया जाएगा।
निगमायुक्त प्रीति यादव ने कहा कि वायु गुणवत्ता में और सुधार लाने के लिए शहर के सभी चौराहों, तिराहों, गली-मोहल्लों, स्कूल-कॉलेजों में जागरुकता कार्यक्रम को और विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के शहरों में जबलपुर ने वायु गुणवत्ता में सर्वाधिक 27 प्रतिशत से अधिक का सुधार किया है। इसके लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सौ प्रतिशत अंक दिए। शहर के केंद्र में स्थित 2 हजार एकड़ में फैले डुमना नेचर रिजर्व में ग्रासलैंड और ग्रीन कवर विकसित किया जा रहा है।
सडक़ों के किनारे खाली स्थानों को ग्रीन कॉरिडोर घोषित कर पौधरोपण किया जा रहा है। 25 स्थानों पर नए उद्यान बनाए जा रहे हैं। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 13 लाख पौधे लगाने की योजना है। इससे ग्रीन कवर बढ़ेगा साथ ही वायु गुणवत्ता में और सुधार होगा।
मुख्य मार्गों की मेकेनिकल रोड़ स्वीपिंग मशीन से धूल की सफाई कराई जा रही है। जेटिंग मशीनों से सडक़ों और फुटपाथ की धुलाई की जा रही है। हवा में धूल के कणों को नियंत्रित करने के लिए मिस्ट फॉगर मशीनों का भी उपयोग हो रहा है। सीएंडडी वेस्ट के निष्पादन के लिए अत्याधुनिक सीएंडडी वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट भी संचालित किया जा रहा है।