जबलपुर ने खेली समरसता की होली
संस्कारधानी के इतिहास में ऐसा संभवत पहली बार हुआ जब सन्यस्त-ग्रहस्थ, अमीर-गरीब, महिला-पुरुष, छोटे-बड़े, बच्चे-बूढ़े का भेद मिटा। सामाजिक सद्भाव और आपसी सौहाद्र के लिए काम कर रहे समरसता सेवा संगठन के अद्भुत होली मिलन का अभूतपूर्व नजारा शुक्रवार की शाम देखने मिला।
समरसता सेवा संगठन का आयोजन, 3 किमी की समरंग शोभायात्रा में फूलो से पटा यात्रा मार्ग, समापन स्थल में लोगों ने परंपरागत फागो, लजीज व्यंजनों का उठाया लुफ्त
संस्कारधानी के इतिहास में ऐसा संभवत पहली बार हुआ जब सन्यस्त-ग्रहस्थ, अमीर-गरीब, महिला-पुरुष, छोटे-बड़े, बच्चे-बूढ़े का भेद मिटा। सामाजिक सद्भाव और आपसी सौहाद्र के लिए काम कर रहे समरसता सेवा संगठन के अद्भुत होली मिलन का अभूतपूर्व नजारा शुक्रवार की शाम देखने मिला। वस्तुत: इस दिन ने संस्कारधानी में एकता का इतिहास रचा गया। धुरेड़ी-रंगपंचमी पर देश के विविध शहरों में जितने भी आयोजन होते हैं, उन सभी आयोजनों से कदमताल करता ये आयोजन हर दिल को भा गया। संगठन की अनूठी समरस शोभायात्रा में अपार जनसमूह उमड़ा। छोटा फुहारा से प्रारंभ शोभायात्रा का विराम डीएनजैन कॉलेज मैदान में रंगारंग आयोजनों के साथ हुआ।
श्रीरामजी के पूजन से शुरुआत -
अनूठी सबरंग शोभायात्रा का श्रीगणेश छोटा फुहारा स्थित रामजानकी मंदिर में प्रभु श्रीराम और माता सीता के पूजन-अर्चन के साथ हुआ। पूजन में नगर के सभी संतवृंद उपस्थित थे। वैदिक मंत्रोच्चार और स्वस्ति वाचन के बीच समरसता सेवा संगठन के आध्यक्ष संदीप जैन ने सभी संतों का स्वागत-पूजन किया और फिर सभी को रथ पर आसनस्त कराया। छोटा फुहारा से प्रारंभ शोभायात्रा मिलौनीगंज, तमरहाई, कोतवाली, सराफा, कमानिया, फुहारा, लार्डगंज, सुपर बाजार, श्याम टाकीज होते हुए डीएनजैन कॉलेज पहुंची।
संतो ने रथ से की पुष्प वर्षा-
शोभायात्रा की अगवानी कर रहे पूज्य संत जगतगुरु सुखाचर्य स्वामी राघवदेवाचार्य, स्वामी कालिकानंद जी महाराज, स्वामी अखिलेश्वरानंद जी, स्वामी चैतन्यान्नद जी, स्वामी अशोकानंद जी, स्वामी राधे चैतन्य जी, पं वासुदेव शास्त्री, पं रोहित दुबे जी ने अपने रथ से संस्कारधानी के जनसमुदाय पर पुष्प वर्षा की साथ ही सामाजिक संगठनों के मंचो से लोगो ने संतो और शोभायात्रा में सम्मिलित लोगो पर पुष्प वर्षा करते हुए फूलो की होली मनाई।
ढाई दर्जन झांकियों ने मन मोहा -
शोभयात्रा में शामिल करीब ढाई दर्जन यात्रियों ने शहरवासियों का मन मोह लिया। इनमें संतों के आधा दर्जन से अधिक रथ, व्रज-वृंदावन-मथुरा आदि की होली झांकी, शिव दरबार झांकी, चैतन्य महाप्रभु की झांकी, राम-जानकी हनुमान की झांकी, फाग मंडली, भजन मंडली की झांकियों के अलवा बैंड-धमााल, डीजे, दुलदुल घोड़ी, श्याम बैंड मंडली, शेर डांस गु्रप, पंजाबी ढोल ग्रुप के साथ ही सभी संस्कृतियों का समावेश था। शोभयात्रा मार्ग में आम जन भी शोभायात्रा में शामिल होते गए और ऐतिहासिक होली के साक्षी बने।
पूरे रास्ते हुई पुष्पवर्षा -
शोभायात्रा मार्ग पर पूरे रास्ते में बने लगभग 40 से अधिक स्वागत मंचों के द्वारा शोभायात्रा में शामिल संतों-महंतों सहित सभीजनों का स्वागत पुष्प वर्षा द्वारा किया जा रहा था। संतों सहित झांकियों में शामिल पात्र और आमजन एक दूसरे पर पुष्प वर्षा कर अनूठी होली खेल रहे थे। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। आकर्षक फाग, राई, कर्मा आदि लोकगीतों ने वातावरण में बरसाना की होली सा माहौल घोल दिया। शोभायात्रा में नगर के प्रबुद्धजन, राजनीतिज्ञ, कला-शिक्षा विद, व्यापारी, चिकित्सक सहित हर वर्ग के लोग शामिल हुए।
सर्व समाज ने किया स्वागत-
शोभायात्रा में अग्रवाल सभा, जैन पंचायत, सिंधी पंचायत, पंजाबी महासंघ, सिख समाज, बंगाली समाज, कल्चुरी समाज, यादव महासभा, चौरसिया समाज केसरवानी समाज, साहू समाज, नामदेव समाज, मांझी समाज, प्रजापति समाज, जायसवाल समाज, कायस्थ समाज, नेमा समाज, सेन समाज, क्षत्रिय मराठा समाज, मालवीय चौक व्यापारी संघ, महाराष्ट्र शिक्षण संघ, कुशवाहा समाज, गहोइ वैश्य समाज, राधाकृष्ण मंदिर आदि ने मंच लगाकर शोभायात्रा का स्वागत किया।
डीएनजैन में समग्र और समरस होली-
डीएन जैन कॉलेज प्रांगण में शोभायात्रा के समापन पर संस्कृतिक कार्यक्रम परंपरागत राई-फाग की प्रस्तुतियों के साथ फूलों एवं गुलाल के रंग बिख्रे। यहां समग्र और समरस होली का स्वरूप नजर आया। सुगंधित पुष्प, हर्बल गुलाल के साथ परंपरागत व्यंजनों का जायका आगंतुकों को आकषित् कर रहा था। यहां बड़ी संख्या में बच्चों-बड़ों, महिलाओं की बड़ी संख्या में सहभागिता रही। सभी समाजों की परंपराओं और रीति रिवाजों के दर्शन इस दौरान एक स्थान पर ही हुए। समरसता सेवा संगठन के पदाधिकारीयों ने सभी आगंतुकों का तिलक-पुष्प वर्षा से स्वागत किया। इस दौरान संतों ने शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं।
परंपरागत व्यंजनों का लिया जायका-
कार्यक्रम में होली पर्व के अनुरूप परंपरा के अनुरूप लगे भोजन स्टॉल में लोगो ने लजीज व्यंजनों का लुफ्त उठाया। शोभयात्रा सहित समग्र आयोजन में सेवा के भी नजारे दिखे। शोभायात्रा के पीछे समरसता सेवा संगठन के कार्यकर्ताओं सफाई करते भी चल रहे थे। ये पहली बार देखा गया जब किसी आयोजन के कार्यकर्ता स्वच्छता के प्रति भी तत्पर नजर आए। शोभायात्रा मार्ग की सफाई के साथ ही डीएनजैन मैदान को भी आयोजन के बाद साफ किया गया। सामुदायिक बहुलता की समरसता से जुड़ा मेल-मिलाप के इस आयोजन में जिस तरह से आत्मीय भाव सभी के अंतर्मन में उमड़े उसने जातीय जड़ता को भी ध्वस्त कर प्रेम-भाइचारे का संदेश दिया।