जबलपुर कबाड़ में विस्फोट: हिस्ट्रीशीटर शमीम के पुराने मामलों की जांच कर रहे पुलिस अफसर भी कार्रवाई की जद में
खजरी-खिरिया बाइपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के मामले में हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम के पुराने मामलों की जांच करने वाले पुलिस अफसर भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एनआईए की टीम सारी डिटेल खंगाल रही है। इधर पुलिस अब तक शमीम की पतासाजी में नाकाम साबित हुई है।
मतलूब अंसारी
जबलपुर।
डिटेल खंगाल रही एनआईए,शमीम अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर,फहीम से पूछताछ में मिले सुराग
खजरी-खिरिया बाइपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के मामले में हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम के पुराने मामलों की जांच करने वाले पुलिस अफसर भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एनआईए की टीम सारी डिटेल खंगाल रही है। इधर पुलिस अब तक शमीम की पतासाजी में नाकाम साबित हुई है। पुलिस की टीमें लगातार एक्टिव है। विस्फोट से पहले अधारताल थाना में वर्ष 2021 में एक अपराधिक मामला दर्ज है, जिसमें मोहम्मद शमीम अभी तक फरार है। पुलिस के लिए शमीम की गिरफ्तारी चुनौती बन गई है। उसकी गिरफ्तारी पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उसके परिचितों की कुंडली खंगाल रही है। विस्फोट के बाद की अभी तक कार्रवाई में पुलिस बमों के खाली खोल निष्क्रिय करने की प्रक्रिया में ही जुटी नजर आ रही है। वहीं, शमीम का बेटा फहीम और साझेदार सुल्तान जेल में है। जानकारी के अनुसार, फहीम ने पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग दिये हैं।
अब तक 75 से अधिक छोटे विस्फोट-
शमीम के कबाड़खाने में भारी मात्रा में बमों के खोल मिले हैं। जिन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया लगातार जारी है। चार दिन में 75 से अधिक विस्फोट कर कई बमों के खोल को नष्ट किया जा चुका है। बड़ी क्षति से बचने के लिए छोटे-छोटे विस्फोट कर बमों के खोल निष्क्रिय करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
मृतकों का खुलासा जल्द-
विस्फोट के बाद सुरक्षा संस्थानों के बमों के खोल मिलने पर एनआइए ने गम्भीरता जांच शुरू की है। अभी तक दो श्रमिक लापता हैं। मौके से अंग के कुछ टुकड़े जब्त किए थे। इनकी और लापता श्रमिकों के स्वजन के डीएनए रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है। इस रिपोर्ट के बाद ही घटना में मृतक की पुष्टि होगी। एसआईटी अब मौके से जब्त किए गए बम के बारूद की भी जांच कराने की तैयारी कर रही है।
शमीम ने कब शुरू किया कबाड़ का धंधा-
एनआईए अब शमीम के अतीत के पन्ने खोजने में जुट गई है। जिससे ये पता चल सके कि शमीम यहां तक कैसे पहुंचा। उसने यह काम कब शुरू किया और कहां-कहां से वह स्क्रेप लेता था, इसका पूरा ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इसमें उसके पुराने जुर्मों की सूची से भी जानकारी जुटाई जा रही है ताकि उसके संपर्कों की जांच हो सके। माना जा रहा है कि मामले में आयुध निर्माणी खमरिया समेत आमला के अफसरों से भी एनआईए स्क्रेप बेचने के मामले में पूछताछ करेगी। पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस फहीम को उसके घर और अन्य ऑफिसों में लेकर गई। वहीं उन लोगों के घरों में भी फहीम को लेकर टीम पहुंची, जहां पुलिस को संदेह था कि शमीम और फहीम ने दस्तावेज छिपाकर रख सकते है। इस दौरान कई दस्तावेज भी एसआईटी के हाथ लगे है। यह सभी दस्तावेज आयुध निर्माणियों समेत अन्य संस्थानों से स्क्रेप खरीदी के हैं।
रिश्तेदार और दोस्त भी राडार में-
इधर पुलिस टीम शमीम के करीबियों, परिजनों और रिश्तेदारों समेत पुराने साथियों पर भी नजर जमाए हुए है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि शमीम के देश में और कहां-कहां रिश्तेदार और करीबी रहते है। पुलिस उक्त जिलों और प्रदेशों के थानों से सम्पर्क कर वहां शमीम पहुंचने के सम्बंध में भी जानकारी जुटा रही है। वहीं उसके मोबाइल कॉल रिकॉर्ड की डीटेल्स भी खंगाली जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि वह किस-किस के संपर्क में था।