जाबालिपुरम के नाम से जाना जाए जबलपुर: महापौर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉं. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में नगर सरकार ट्रिपल इंजन की शक्ति की तरह शहर को महानगर का स्वरूप प्रदान करने तेजी से अग्रसर है।
नवगठित एमआईसी की पहली बैठक में कई ऐतिहासिक फैसलों पर लगी मुहर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉं. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में नगर सरकार ट्रिपल इंजन की शक्ति की तरह शहर को महानगर का स्वरूप प्रदान करने तेजी से अग्रसर है। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू की अध्यक्षता में पहली एमआईसी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई ऐतिहासिक फैसले लिये गए। बैठक में ये भी प्रस्ताव पारित किया गया कि नर्मदा के तट पर बसे जबलपुर की जगह जाबालिपुरम के नाम से जाना जाए।
बैठक में महापौर ने कहा कि जबलपुर का कोई अर्थ नहीं है और यह भूमि मॉं नर्मदा के तट पर जाबालिऋषि की तपोभूमि है। इसलिए जबलपुर का नाम जाबालिपुरम के नाम से जाना जाए, इसके लिए उन्होंने तत्कालीन महापौर सुशीला सिंह के कार्यकाल में पार्षद रहते महापौर ने लिखित रूप से प्रस्ताव दिया था। जिस प्रस्ताव पर तत्कालीन एमआईसी ने स्वीकृति प्रदान की थी, अब उसी को आधार मानकर महापौर पूज्य संतो की अगुवाई एवं जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगें और अनुरोध करेगें कि जबलपुर शहर का नाम जाबालिऋषि मुनि के नाम से जाबालिपुरम घोषित कर दिया जाये।
ऐतिहासिक बजट पारित-
एमआईसी की पहली बैठक में महापौर द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 पुनरिक्षित एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए तैयार ऐतिहासिक बजट पारित किया गया। इस मौके पर महापौर ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष का बजट शहर के नागरिकों को लिए ऐतिहासिक बजट है क्योंकि बजट में शहर के विकास को पंख देने तथा महानगर का स्वरूप प्रदान करने की सोच को प्रदर्शित किया गया है।
नैरोगेज मामले का होगा निराकरण-
बैठक में महापौर ने यह भी घोषणा की कि लोकनिर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह की पहल पर रेल्वे अधिकारियों से बहुप्रतिक्षित नैरोगेज मामले के संबंध में पत्राचार करेगें और मंत्री राकेश सिंह के नेतृत्व में केन्द्रीय रेल मंत्री से चर्चा कर शहर के नागरिकों को एक बड़ी सौगात देने के संबंध में निर्णय लेगें जिसमें डुमना के पास 106 एकड़ भूमि रेल्वे को देकर नैरोगेज की भूमि पर शानदार और सुव्यवस्थित सड़क का निर्माण करेगें।
70 करोड़ के निर्माण कार्यों को हरी झंडी-
बैठक में महापौर ने बताया कि सभी विधायकों की अनुशंसा एवं मॉंग पर मुख्यमंत्री नगरीय विकास अद्योसंरचना एवं कायाकल्प योजना के अंतर्गत 70 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई है जिससे शहर में चहुओंर सड़कों का निर्माण कराया जायेगा, इसके लिए एमआईसी बैठक में हरी झंडी दे दी गई है।
शहर में नहीं होगा जल संकट-
एमआईसी.की बैठक में महापौर ने यह भी घोषणा की कि ग्रीष्म ऋतु में शहर के नागरिकों को जल संकट का सामना नहीं करने देगें। इसके लिए उनके द्वारा बड़े पैमाने पर तैयारियॉं की गई हैं, जिसके परिणाम स्वरूप शहर के नागरिकों को ग्रीष्म ऋतु में भी सामान्य रूप से भरपूर जलापूर्ति की जायेगी। उन्होंने इस संबंध में जल विभाग के अधिकारियों को भी अलग से निर्देश प्रदान किये हैं।
घर-घर पहुॅंचेगा नर्मदा जल-
बैठक में महापौर ने बताया कि अमृत फेस-2 के अंतर्गत डेढ साल के अंदर शहर के प्रत्येक घरों में नर्मदा जल पहुॅंचेगा। उन्होंन इसके लिए अमृत फेस-2 के नोडल अधिकारी को निर्देशित किया कि इसकी तेजगति से तैयारी करें और अमृत योजना के अंतर्गत शहर के नागरिकों को पावन नर्मदा जल पहुॅचाने की दिशा में जमीनी स्तर पर काम को व्यापक स्वरूप प्रदान करें।