जबलपुर का मिलेनियम कॉलोनी डबल मर्डर: पुलिस को लोकेशन देने चालू करता है मोबाइल!

जबलपुर के मिलेनियम कॉलोनी डबल मर्डर केस अब पुलिस के लिये मिश्किलें खड़ी कर रहा है। आरोपी लोकेशन बदल रहे हैं और पुलिस उन्हें ट्रेस नहीं कर पा रही है। आरोपी मुकुल बेहद शातिर है इसलिए पुलिस को अब तक चकमा दे रहा है। साइबर टीमें पूरी मेहनत कर रही हैं, लेकिन,आरोपी बचने में कामयाब हो रहा है।

Mar 29, 2024 - 15:48
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जबलपुर का मिलेनियम कॉलोनी डबल मर्डर: पुलिस को लोकेशन देने चालू करता है मोबाइल!
Jabalpur's Millennium Colony Double Murder: Mobile starts giving location to police!

पुलिस टीमों के हाथ खाली, जानकारों का दावा, दूसरा नम्बर भी है आरोपी के पास

जबलपुर के मिलेनियम कॉलोनी डबल मर्डर केस अब पुलिस के लिये मिश्किलें खड़ी कर रहा है। आरोपी लोकेशन बदल रहे हैं और पुलिस उन्हें ट्रेस नहीं कर पा रही है। आरोपी मुकुल बेहद शातिर है इसलिए पुलिस को अब तक चकमा दे रहा है। साइबर टीमें पूरी मेहनत कर रही हैं, लेकिन,आरोपी बचने में कामयाब हो रहा है। जानकारों का कहना है कि आरोपी तभी मोबाइल चालू करता है, जब उसे पुलिस को लोकेशन देकर गुमराह करना होता है। सम्भावना है कि आरोपी के पास दूसरा नम्बर भी है, जिससे वो कॉलिंग कर रहा है। 
रेलकर्मी राजकुमार विश्वकर्मा (52) और उनके बेटे तनिष्क विश्वकर्मा (8) की हत्या के आरोपी अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं। इस डबल मर्डर का आरोप राजकुमार की नाबालिग बेटी और उसके प्रेमी मुकुल सिंह पर है। वारदात के 14 दिन बाद भी पुलिस दोनों को नहीं पकड़ पाई है। दोनों आरोपियों की लोकेशन अब तक जबलपुर, कटनी, पुणे, विशाखापट्?टनम, गोवा और कर्नाटक में मिली है। सभी जगह पुलिस ने दबिश दी, लेकिन दोनों फरार होने में कामयाब रहे।

-कब चालू करता है मोबाइल

पुलिस को चकमा देने के लिए मुकुल शातिर बदमाश की तरह छिप रहा है। वह 4 दिन में सिर्फ एक बार ही मोबाइल ऑन कर रहा है। 23 मार्च को मुकुल की लोकेशन गोवा में मिली थी। इसके बाद उसने मोबाइल बंद कर लिया। अब कर्नाटक के गुलबर्गा शहर में लोकेशन मिलने के बाद जबलपुर पुलिस की आठ टीमों के 35 से ज्यादा सदस्य लगातार आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। पुलिस की एक टीम गुलबर्गा में ही डेरा डाले हुए है। पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी फरार होने के लिए अलग-अलग साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कभी ट्रेन या बस तो कभी टैक्सी से यात्रा करते हैं। जांच में पता चला है कि गोवा से मुंबई भागने के लिए उन्होंने फ्लाइट का उपयोग किया था। बीएससी फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट 20 वर्षीय मुकुल किसी शातिर अपराधी की तरह यहां से वहां भाग रहा है। उसे पता है कि मध्यप्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों की पुलिस भी उसकी तलाश कर रही है। यही कारण है कि वह बहुत जरूरत होने पर ही मोबाइल ऑन करता है।

-ये है हत्या का घटनाक्रम

15 मार्च 2024 को जबलपुर में मिलेनियम कॉलोनी निवासी राजकुमार विश्वकर्मा और तनिष्क की हत्या कर दी गई थी। राजकुमार रेल विभाग में कार्यालय अधीक्षक थे। हत्या के बाद नाबालिग बेटी ने भोपाल में रहने वाली चचेरी बहन को 4 सेकेंड का वॉइस मैसेज किया था। उसने कहा था- पड़ोस में रहने वाले मुकुल ने पिता और भाई को मार डाला है। करीब 3 बजे पुलिस आरपीएफ के साथ मौके पर पहुंची तो घर पर बाहर से ताला लगा था। पुलिस ने रिश्तेदारों की मौजूदगी में ताला तोड़ा। किचन में राजकुमार खून से लथपथ मृत पड़े थे। उनकी बॉडी पॉलीथिन से कवर थी। परिजन ने बताया कि राजकुमार की बेटी-बेटा नजर नहीं आ रहे हैं। पुलिस ने उन्हें काफी तलाशा, लेकिन दोनों नहीं मिले। इसी बीच एक पुलिसकर्मी की नजर फ्रिज के गेट पर लगे खून पर गई। फ्रिज खोला तो पॉलीथिन के ऊपर चादर में लिपटी तनिष्क की खून से सनी लाश मिली। 

-पीछा कर रही पुलिस

पुलिस के मुताबिक, 23 मार्च के बाद से मुकुल ने मोबाइल चालू नहीं किया है। गोवा में जैसे ही पुलिस को उसकी लोकेशन मिली, उसने मोबाइल बंद कर लिया। जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस, क्राइम और साइबर एक्सपर्ट्स की टीमें लगातार आरोपियों की तलाश में हैं। कुछ अहम सुराग और जानकारी मिली है, उनको देखते हुए आरोपियों का पीछा किया जा रहा है।

-ऑनलाइन खरीदे थे हथियार

मुकुल द्वारा हत्या करने के लिए ऑनलाइन सामान खरीदने को लेकर एसपी ने कहा कि अभी तक हत्या में उपयोग किया गया एक चॉपर मिला है, जिसे मुकुल ने गैरेज में छिपाया था।  सूत्रों के मुताबिक, मुकुल हत्या का प्लान एक माह पहले से बना रहा था। इसमें राजकुमार की नाबालिग बेटी भी शुरू से ही शामिल थी। मुकुल ने प्लान बनाने के बाद हत्या करने के लिए ऑनलाइन सामान खरीदना शुरू कर दिया था। उसने सबसे पहले लोहे के दो चॉपर (काटने का कुल्हाड़ीनुमा हथियार) बुक किए। डिलीवरी के लिए कॉलोनी का पता न देकर रेलवे स्टेशन के पास किसी मकान का दिया। डिलीवरी बॉय से चॉपर लेने के बाद उसने अपने गैरेज नंबर 361/6 में छिपा दिए। चॉपर के बाद गैस कटर, फिर ग्लब्स भी मुकुल ने ऑनलाइन ही खरीदे थे। 15 मार्च को हत्या के पहले उसने पूरा सामान राजकुमार के घर में छिपा दिया था। सवाल यह भी उठ रहा है कि आरोपी के पिता आरपी सिंह जब गाड़ी खड़ी करने के लिए गैरेज जाते थे तो उनकी नजर इस सामान पर क्यों नहीं गई?

-जेल में रह चुका है मुकुल

मुकुल जिस नाबालिग लड़की के साथ फरार हुआ है, उसी ने अक्टूबर 2023 में उस पर रेप का मामला दर्ज कराया था। मामले में मुकुल सिंह को कोर्ट ने जेल भेज दिया था। वह जबलपुर केंद्रीय जेल में 15 दिन रहा। मुकुल से उसके माता-पिता नहीं बल्कि बड़ा भाई आशीष सिंह मिलने आता था। 15 दिन के भीतर चार बार मुकुल के बड़े भाई ने मुलाकात के लिए आवेदन दिया था। जेल में एक बार भी मुकुल के चेहरे पर शिकन नहीं दिखाई दी थी।